आठ साल पहले अर्जेंटीना से भारत आईं मां-बेटी को श्रीराधाकृष्ण की भक्ति ऐसी भायी कि दोनों ब्रज भूमि में अध्यात्म शक्ति की खोज में जुट गईं। इन दिनों दोनों यमुना तट पर आयोजित कुंभ बैठक में संतों के दर्शन का लाभ ले रही हैं। यहां कुटिया-कुटिया जाकर संतों के दर्शन कर रही हैं। शाही स्नान के दौरान यमुना में डुबकी भी लगाई थी। अब भी आए दिन यमुना में स्नान करती हैं।
शुक्रवार को वृंदावन कुंभ पहुंचीं अर्जेंटीना की शिसिला ने बताया कि वह आठ साल पहले ब्रज में आईं तो श्रीराधा-कृष्ण की लीलाओं से प्रभावित हुईं। उन्होंने वृंदावन के साधु महाराज से दीक्षा ली और गुरु दीक्षा के बाद उनका नाम यशोदा हो गया।
शिसिला की बेटी ने भी गुरु दीक्षा ले ली और उसका नाम राधिका है। वे कुंभ बैठक मेला में भक्ति की साधना करने आई हैं। कुंभ में ठाकुरजी की भक्ति में लगे संतों का आशीर्वाद मिल रहा है। वे राधाकुंड-श्यामकुंड की प्रतिदिन परिक्रमा करती हैं।
यशोदा ने बताया कि वृंदावन और गोवर्धन की परिक्रमा कर आनंद मिलता है। उनकी बेटी भी राधा-कृष्ण की भक्ति से प्रभावित हैं। ब्रज में रहते हुए विदेश से ऑनलाइन पढ़ाई कर रही हैं। उनका ब्रज में हमेशा के लिए बसने का मन है, लेकिन टूरिस्ट वीजा की अवधि को बढ़ाने के लिए अपने देश जाना पड़ता है।
वृंदावन कुंभ बैठक का दूसरा शाही स्नान नौ मार्च को है। इसके लिए देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। अर्जेंटीना की यशोदा और राधिका की तरह कई विदेशी विदेशी श्रद्धालु भी ब्रज में रहकर कृष्ण की भक्ति कर रहे हैं। कुंभ क्षेत्र में इनकी टोलियां भजन-कीर्तन करते हुए मिल जाती हैं।