जब दिल्ली का मुख्यमंत्री बना तब जो कंपनियां थी उनके बारे में कहा कि ये बहुत शक्तिशाली हैं, ये 24 घंटे बिजली नहीं देंगे। हमने कंपनियों को ठीक कर दिया। अब 24 घंटे बिजली रहती है। उन्होंने योगी सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि आखिर क्या मजबूरी है जो किसानों का गन्ना बकाया नहीं दे पा रहे हैं। सरकार बेकार है अगर किसानों का बिल नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप्र के इस सरकार को बदलना होगा। कहा कि हमारी सरकार आई तो गन्ना गिराते ही पैसा खाते में पहुंच जाएगा।
डीजल पट्रोल ओर गैस क्यों महंगे हो रहे हैं। कहा कि आज हर चीज का रेट बड़ा दिया गया है। इस सरकार में पैसे की कमी नहीं है केवल अच्छी नियत का कमी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आते ही महंगाई कम हो जाएगी। दिल्ली के अंदर 75 प्रतिशत लोगों की बिजली माफ है। कहा कि केंद्र सरकार क्यों पूंजीपतियों के सामने घूटने टेके हुए है। आखिर क्या मजबूरी है। कहा कि इस सरकार को बदलकर देखें।
तीनों कृषि कानून के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को दोपहर करीब दो बजे बजे मेरठ में दिल्ली बाईपास स्थित संस्कृति रिसोर्ट में किसान महापंचायत को संबोधित करने पहुंच गए। इनके साथ मंच पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और कई नेता मौजूद रहे। अरविंद केजरीवाल ने पहुंचते ही किसानों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन महीने के अंदर 250 लोग शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार के कानों में जू नहीं रेंग रही है। 70 साल में सभी पार्टियों ने किसानों को धोखा दिया है किसानों को। कहा कि किसान बस फसल का सही दाम मांग रहा है लेकिन सरकार नहीं मान रही है कोई भी सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में लिखकर दिया कि हम एमएसपी नहीं देंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों के उपर लाठियां बरसाईं गई। केंद्र सरकार का प्लान था कि किसानों को बार्डर पर रोको, लेकिन किसानों ने बहादूरी दिखाते हुए वहां पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को जेल भेजना चाहती थी। इस कारण दिल्ली में घुसने दिया। उन्होने कहा कि उस समय अगर किसानों को स्टेडियम जाने देते तो ये सभी को जेल में डाल देते। इस कारण हमने किसानों को रोका।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक किसानों की बार्डर पर बैठे लोगों की सेवा कर रही है। राशन और पानी दे रही है। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी की रात जो हमने कुछ देखा वे बड़ा ही दुखद था। राकेश टिकैत किसानों के लिए बार्डर पर अपना शरीर ताप रहे है, लेकिन सरकार ने जो किया उस कारण उनकी आंखों में आसू आ गए।
संजय सिंह ने जब राकेश टिकैत से बात कराई तो हमने कहा हम आपके साथ हैं। इसके बाद परेशानी पूछकर किसानों के लिए राशन और पानी का इंतजाम कराया। कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री घूम घूमकर कह रहे हैं कि एमएसपी है लेकिन उप्र के एक मंडी बता दीजिए कि कहां एमएसपी पर फसल बिक रही हो। उन्होंने यही सवाल सीएम योगी से भी पूछा। उन्होंने कहा कि आखिर कहां एमएसपी उग रही है यह भी बता दीजिए।
जब मैने एक भाजपा नेता से पूछा कि एमएसपी क्यों नही दी जा सकती तो उसने कहा कि 17 लाख करोड़ का इसमें खर्चा आएगा। 23 फसले एमएसपी पर उठा सकती है, लेकिन एक भी फसल नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि हम एमएसपी को लागू करेंगे। जिसपर किसानों ने तालिया बजाने लगे। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर 17 लाख करोड़ का एमएसपी में खर्चा आए तो भी सकरकार को किसानों के लिए करना चाहिए, इससे वह गरीब नहीं हो जाएगी। उप्र के किसान को गन्ना का पैसा नही मिलता है एमएसपी के बात तो रहने दीजिए। 1800 करोड़ रुपये केवल उत्तर प्रदेश के किसानों के बाकी है।