प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में आगे कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, आईआईटी खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में भी आपके सॉफ्टवेयर समाधान देश के काम आ रहे हैं। अब आपको हेल्थ टेक के फ्यूचरिस्टिक सोल्यूशंस को लेकर भी तेजी से काम करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सरकार ने मैप और भू-स्थानिक डाटा को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को नई आजादी मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में आगे कहा कि आप ये जानते हैं कि ऐसे समय मे जब दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स (ISA) का विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया। आज दुनिया के अनेक देश भारत द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से जुड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत उन देशों में से है जहां सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं। भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं।
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