जिला कारागार में बंद शबनम का बेटा रविवार दोपहर को अपनी मां से मिलने पहुंचा। जहां शबनम और बेटे ताज के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान ताज भावुक हो गया और मां बेटे की आंखों में आंसू आ गए। कुछ समय तक तो शबनम बेटे ताज को अपने सीने से लगाए रही। मुलाकात पूरी होने के बाद जाते समय शबनम ने अपने बेटे से मन लगाकर पढ़ाई करने को कहा। बता दें कि शबनम वर्ष 2019 से रामपुर जिला कारागार की बैरक नंबर 14 में बंद है।
शबनम फांसी से पहले अपने बेटे ताज से मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। रविवार को ताज अपनी मां से मिलने के लिए जिला कारागार पहुंचा। दोनों के बीच 45 मिनट तक मुलाकात हुई। दोनों की आंखों में आंसू थे। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि शनबम दो साल से जिला कारागार में बंद है रविवार दोपहर को उसका बेटे ताज उससे मिलने आया था। करीब 45 मिनट दोनों की मुलाकात हुई। उसके बाद वह चला गया।
अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। इस केस में अमरोहा की जिला अदालत ने 2010 में दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा दी थी। 2015 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो वहां भी लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है। आजादी के बाद भारत में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा।