प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोरोना काल में चीनी ऐप्स पर डिजिटल स्ट्राइक की और 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया. इसका असर बाजार में दिखने लगा है और इसका सीधा लाभ भारतीय ऐप्स को मिलने लगा है. तभी तो बाजार में चीनी ऐप्स की हिस्सेदारी घटने लगी है.
विश्लेषक कंपनी ऐप्सफ्लायर के अध्ययन के हिसाब से 2020 में चीनी ऐप्स का इंस्टालेशन घटकर 29% रह गया है जो 2019 में 38% था. जबकि भारतीय ऐप्स की हिस्सेदारी 2020 में बढ़कर 39% हो गई.
ऐसा नहीं है कि चीनी ऐप्स पर भारतीय ऐप्स ने ही करारी चोट की है. TOI की खबर के मुताबिक अमेरिका, इस्राइल, रूस और जर्मनी की ऐप्स ने भी चीनी ऐप्स के बाजार को कम किया है.
ऐप्सफ्लायर इंडिया के कंट्री मैनेजर संजय त्रिसाल का कहना है कि भारत में सब-अर्बन एरिया और टियर-2 और टियर-3 शहरों में ऐप्स की मांग लगातार बढ़ रही है. भारत का बाजार बहुत विविध है.
रपट में कहा गया है कि देश में इंस्टॉल होने वाले करीब 85% ऐप्स इंस्टॉलेशन टियर-2 और टियर-3 शहरों से हो रहे हैं. फिर चाहें वह गेमिंग ऐप्स हों या फिनटेक और मनोरंजन श्रेणी से जुड़े ऐप्स, सभी का इंस्टॉल छोटे शहरों में बढ़ा है.
कोरोना काल में लोगों का अधिकतर वक्त घरों में बीत रहा है. ऐसे में मोबाइल और ऐप्स पर उनकी निर्भरता बढ़ी है. इसी दौर में चीनी ऐप्स पर भारत में पाबंदी लगने और कई नए भारतीय ऐप्स के बाजार में आने से लोगों ने उन्हें हाथोहाथ लिया.
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