भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि दिल्ली के बॉर्डरों पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन अनिश्चिकाल तक चल सकता है. उन्होंने कहा ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक इसकी समयसीमा को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई है.
टिकैत ने कहा कि किसानों का विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक चल सकता है, क्योंकि इसकी समयसीमा को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शायद अक्टूबर तक चल सकता है. उन्होंने ये बात संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर कहीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों का प्रदर्शन अक्टूबर तक चलेगा.
टिकैत ने इससे पहले भी चेतावनी दी थी कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती और ये अक्टूबर तक जारी रह सकता है. टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसान हर साल 2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा किसानों पर आंसू गैंस और गोलियां चलाई गईं. हम अब से हर साल गाजीपुर बॉर्डर पर एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे.
एक तरफ जहां केंद्र सरकार बार-बार यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि कानून में कोई भी ऐसा प्रावधान नहीं जिससे किसानों को नुकसान हो. वही किसान देश भर के किसानों को कानून के दूरगामी परिणामों के बारे में बता कर आंदोलन में शामिल करने की कोशिश कर रहे है.
केंद्र के समझने के बावजूद किसान यह मानने को तैयार नहीं है की इस कानून में कोई बुराई नहीं. किसानों का कहना है कि यह तीनों कानून जब तक रद्द नहीं किए जाएंगे तब तक यह आंदोलन पीछे नहीं लिया जाएगा. जानकारी के अनुसार 20 फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत महाराष्ट्र के यवतमाल में जनसभा लेने वाले है. ऐसा होने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन महाराष्ट्र में भी तीव्र रूप लेने की आशंका जताई जा रही है.