प्याज फिर हुआ महंगा 60 रुपया प्रतिकिलो तक पंहुचा दाम

राजधानी में सब्जियां फिर महंगी हो गई हैं। सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले प्याज तो लोगों को जमकर रुला रहा है। पिछले पंद्रह दिनों से कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। पिछले दिनों तो थोक भाव में भी प्याज की कीमत 45 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया। आलम यह है कि पिछले पंद्रह दिनों में प्याज की कीमत प्रतिकिलो ढाई गुणा तक बढ़ गई है। 20 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला प्याज इनदिनों फुटकर बाजारों में 50-60 रुपया प्रतिकिलो बिक रहा है।

प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी है। प्याज की कीमत में लगातार उछाल देखने को मिला रहा है। महंगा होने की वजह से प्याज आम लोगों की थाली से दूर होता जा रहा है। खास बात यह भी है कि महंगा होने के कारण अच्छे किस्म के प्याज खुदरा बाजार तक पहुंच भी नहीं पा रहे है। उधर, महंगाई की वजह से दिल्ली होटल, ढाबों पर रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाले भोजन की थाली में प्याज तो लगभग सलाद की प्लेट से गायब ही हो गई है। सलाद के नाम पर प्याज की जगह खीरा व गाजर से लोगों को काम चलाना पड़ रहा है।

थोक कारोबारियों के मुताबिक नई खेप की प्याज आने पर ही थोड़ी राहत मिल सकती है। गुजरात, बंगाल, नसिक से जैसे ही बड़ी मात्रा में प्याज का खेल दिल्ली पहुंचना शुरू होगा, कीमत में गिरावट आएगी। दूसरी तरफ  हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए है। 

दो फसलों के अंतर की वजह से प्याज की कीमत में उछाल आया है। पिछले सप्ताह तो थोक भाव में प्याज की कीमत 45 रुपया प्रतिकलो के पार चला गया था।

प्याज के साथ ही आलू के भाव भी बढ़ा हुआ है। जबकि थोक भाव में आलू की कीमत में भारी गिरावट है। आजादपुर मंडल में महज 6-7 रुपया प्रतिकिलो आलू बिक रहा है जबकि यह खुदरा बाजार में आते ही 20 रुपया प्रतिकिलो तक पहुंच जा रहा है। आलू की फसल बंपर हुई है। मंडी में आलू की कीमत में जबरदस्त कमी आई है। आने वाले समय में आम लोगों की पहुंच में होगा आलू-प्याज की कीमत।

आलू-प्याज खुदरा बाजार में पहुंचते ही अपना अलग तेवर अख्तियार कर लेता है। रेहड़ी-पटरी पर पहुंचती ही दोगुना तक बढ़ जाता है। थोक भाव में 30 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला प्याज फुटकर बाजार में पहुंचते ही 60 रुपया प्रतिकिलो तक पहुंच जाता है तो 6 रुपया प्रतिकिलो थोक भाव में बिकने वाला आलू खुदरा बाजार में पहुंचकर 15-20 रुपया प्रतिकिलो हो जाता है। हालांकि साप्ताहिक बाजार में भाव में कमी देखने को मिल रहा है।

उधर आलू-प्याज के साथ ही मटर, गोभी, मूली, गाजर का भाव भी फुटकर बाजार में कम नहीं हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में 10-20 प्रतिशत तक भाव में उछाल देखने को मिल रहा है। खुदरा बिक्रेता बंशी का कहना है कि थोक भाव में आलू-प्याज जरूर कम मिलता है, लेकिन रेहड़ी पर खरीदार चुनकर सब्जियां लेते है। जबकि थोक भाव में कट्टा में लेने पर 10 प्रतिशत सब्जियां खराब ही निकलती है।

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