क्यूआइएमआर बघरेफर के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन से पता चला है कि ‘एडीज एजिप्टी’ मच्छरों को लक्षित करने वाला एक नया उपकरण डेंगू, चिकनगुनिया और जीका जैसे मच्छर जनित रोगों से लड़ने में बेहद उपयोगी हो सकता है। मेक्सिको के युकाटन राज्य के घरों में अचानक किए गए परीक्षण में एडीज एजिप्टी मच्छरों को निशाना बनाने के लिए ‘एमैनैटर’ नामक छोटे कीटनाशक उपचारित प्लास्टिक के उपकरण का इस्तेमाल किया गया। यह परीक्षण ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित क्यूआइएमआर बघरेफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा मेक्सिको के यूनिवर्सडिाड ऑटोनोमा डी युकाटन और अमेरिका स्थित एमोरी विश्वविद्यालय के सहयोग से किया गया।

क्यूआइएमआर बघरेफर के मच्छर नियंत्रण प्रयोगशाला के प्रमुख एसोसिएट प्रोफेसर ग्रेगर डिवाइन ने कहा, एमैनैटर (जो कीटनाशक मेटोफ्लुथ्रिन से युक्त होता है) को 100 घरों में हर कमरे के अंदर उस जगह रखा गया था जहां हवा से उनका संपर्क कायम रहे और कीटनाशक फैल सके। कई महीनों के बाद इन घरों के अंदर मच्छरों और मच्छरों के काटने की संख्या की तुलना अन्य 100 ऐसे घरों से की गई जहां इस उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
डिवाइन ने कहा, ‘हमने पाया कि घर में मादा मच्छरों की संख्या में 60 फीसद तक की कमी आई और मच्छरों के काटने की संख्या में 90 फीसद तक की कमी आई।’ उन्होंने कहा कि यह परिणाम मच्छरों पर नियंत्रण के लिए अब तक अपनाए गए अन्य उपायों के मुकाबले बेहतर है। उन्होंने यह भी कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि युकाटन में एडीज एजिप्टी मच्छरों पर पारंपरिक कीटनाशकों का प्रभाव नहीं होता है।
डिवाइन ने कहा कि टीकों और दवाओं के न होने के कारण एडीज एजिप्टी मच्छरों पर नियंत्रण के लिए लोगों को कीटनाशकों पर निर्भर रहना होता है। घर के अंदर लगाने पर ये कीटनाशक सबसे अधिक प्रभावी होते हैं, क्योंकि एडीज एजिप्टी मच्छर घर के अंदर आराम करना और भोजन करना पसंद करते हैं। इसके लिए मनुष्यों का रक्त ही एकमात्र स्नोत है। डिवाइन ने कहा कि यह अध्ययन रोमांचक है, क्योंकि मच्छरों को लक्षित करने का यह एक तेज और अधिक कुशल तरीका है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मच्छर नियंत्रण के इस मॉडल का मूल्यांकन कर रहा है और इस परीक्षण के बाद उसके लिए इस बारे में निर्णय लेना आसान हो जाएगा।
पारंपरिक कीटनाशकों के इस्तेमाल में हैं कई बाधाएं
डिवाइन ने बताया कि पारंपरिक कीटनाशकों के इस्तेमाल में कई तरह की बाधाएं आती हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्प्रे करने वाली प्रशिक्षित टीमों को कीटनाशकों का छिड़काव करने की अनुमति दी गई है। इनकी सीमित संख्या के कारण इन्हें तैनात करने में भी परेशानी होती है। ऐसे में यह उपकरण काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। डिवाइन ने कहा, ‘यह उपकरण आकार में छोटा है और उपयोग में आसान है। इसे आसानी से कहीं कमरों में लगाया जा सकता है और इस पर कम लागत आती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए बिजली की कोई जरूरत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि मच्छरों के प्रकोप वाले इलाकों में इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसके लिए किसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती है।
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