आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामलों को निपटाने वाली एक अदालत ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को कुछ निजी कंपनियों की कथित संलिप्तता में वाले मामले में तलब किया है।
अदालत ने इस मामले में समन भेजकर रेड्डी और उनके कुछ अधिकारियों को 11 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है। सूत्रों ने बताया कि मामले को एक स्थानीय अदालत से ईडी की अदालत में स्थानांतरित किए जाने के बाद रेड्डी को यह आदेश दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि यह मामला अविभाजित आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे और रेड्डी के पिता दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान कंपनियों को भूमि आंवटन में कथित अनियमितताओं के मामले से जुड़ा है।
इस मामले की सुनवाई स्थानीय अदालत कर रही थी और इसे सीबीआई/ईडी की अदालत में स्थानांतरित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों ने बताया कि मामला अब स्थानांतरित होने के बाद सीबीआई/ईडी अदालत ने ताजा निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के साथ ही अदालत ने एमपी विजया साई रेड्डी, हेटेरो ड्रग्स के निदेशक श्रीनिवास रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के एमडी नित्यानंद रेड्डी, पीवी रामप्रसाद रेड्डी, टॉडेंट लाइफ साइंसेज के निदेशक चंद्र रेड्डी और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बीपी आचार्य को समन जारी किए हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि क्विड प्रो क्वो तेलंगाना के जेद्रचला में विशेष आर्थिक क्षेत्र-एसईजेड में अरबिंदो फार्मा और हेटेरो दवाओं के लिए भूमि आवंटन में शामिल था। वर्ष 2004-2009 के दौरान यह मामला वाईएसआर सरकार के पास वापस चला गया, जहां जगन मोहन के पिता की अगुवाई वाली सरकार ने मूल्य निर्धारण समिति के निर्णय के खिलाफ अरबिंदो और हेटेरो को 75 एकड़ जमीन 7 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से आवंटित की थी।