व्हाट्सएप की नई पॉलिसी की घोषणा के बाद Signal App को ग्रीन सिग्नल मिल गया है। Signal App को इतने लोग अचानक से इस्तेमाल करने लगे हैं कि उसका सर्वर ही डाउन हो गया है। इसके बारे में खुद सिग्नल ने ट्वीट करके कहा है कि अधिक यूजर्स होने के कारण वेरिफिकेशन कोड में दिक्कत आ रही है, हालांकि इसके लिए टीम काम कर रही है।
Signal App एप एपल के एप स्टोर पर टॉप फ्री एप की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया है। Signal App को व्हाट्सएप के सबसे बड़े विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि Whatsapp के विकल्प के तौर पर टेलीग्राम का भी नाम आ रहा है लेकिन सिक्योरिटी और परमिशन के मामले में Signal ने सबसे पीछे छोड़ दिया है।
Signal भी व्हाट्सएप की तरह एक मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप है जिसे आप विंडोज, आईओएस, मैक और एंड्रॉयड डिवाइस में इस्तेमाल कर सकते हैं। सिग्नल एप का स्वामित्व सिग्नल फाउंडेशन (Signal Foundation) और सिग्नल मैसेंजर एलएलसी (Signal Messenger LLC) के पास है और एक यह नॉन प्रॉफिट कंपनी है।
एप को अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर मॉक्सी मार्लिनस्पाइक ने तैयार किया है और यही फिलहाल Signal मैसेंजर एप के सीईओ हैं। सिग्नल एप की टैगलाइन ‘Say Hello to Privacy’ है।
सिग्नल एप भी व्हाट्सएप की तरह ही है और इसके जरिए आप वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं, फोटो-वीडियो आदि शेयर कर सकते हैं। ग्रुप भी बना सकते हैं लेकिन ग्रुप में सिर्फ 150 लोगों को ही जोड़ा जा सकता है। सिग्नल एप के साथ एक दिक्कत है यह है कि इसका डाटा गूगल ड्राइव या किसी अन्य क्लाउड पर स्टोर नहीं होता।
ऐसे में यदि आपका फोन खो गया तो आप चैट का बैकअप नहीं ले पाएंगे। सिग्नल एप में ग्रुप बनाकर आप सीधे तौर पर किसी को उसमें एड नहीं कर सकते। जिन्हें आप एड करना चाहते हैं, उनके पास पहले नोटिफिकेशन जाएगा, उसके बाद वे चाहेंगे तब ही आप उन्हें ग्रुप में एड कर पाएंगे। इसमें भी Delete for Everyone भी फीचर है।
सिग्नल एप की सिक्योरिटी की तारीफ व्हाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन भी कर चुके हैं। ब्रायन एक्टन 2017 में व्हाट्सएप को अलविदा बोल दिया था और उसी दौरान Signal में 59 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी थी। अमेरिका की खुफिया सूचनाएं लीक करने वाले और जाने-माने व्हिसलब्लोवर एडवर्ड स्नोडेन ने भी सिग्नल एप को बेहतर बताया है।
Signal, व्हाट्सएप के मुकाबले इसलिए भी अधिक सुरक्षित है, क्योंकि व्हाट्सएप के सिर्फ मैसेज और कॉल ही एंड टू एंड एंक्रिप्टेड होते हैं, जबकि Signal का मेटा डाटा भी एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है। एप स्टोर पर दी गई जानकारी के मुताबिक सिग्नल एप अपने यूजर्स का कोई भी डाटा स्टोर नहीं करता है। सिग्नल एप सिर्फ कॉन्टेक्ट नंबर यानी आपका मोबाइल नंबर लेता है, क्योंकि इसी के जरिए आपका सिग्नल अकाउंट ओपन होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि व्हाट्सएप यूजर्स से 16 तरह की जानकारी लेता है।