सुबह 10 बजकर 5 मिनट प उत्तराखंड की धरती भूकंप के झटके से डोल उठी। बागेश्वर में शुक्रवार की सुबह भूकंप का झटका महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.3 मापी गई। सभी तहसील और थानों को सूचित कर दिया गया है। वहीं अभी तक किसी नुकसान की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील है। बागेश्वर जोन फाइव में आता है और भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
पिछले माह दिसंबर की पहली तारीख को भी सुबह उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र बहादराबाद ब्लॉक के औरंगाबाद क्षेत्र का डालूवाला कलां गांव था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ था।
आपदा प्रबंधन विभाग के सलाहकार डॉ. हरिबल्लभ कुनियाल के मुताबिक भूकंप के झटके सुबह करीब 9.41 बजे लगभग डेढ़ से दो सेकेंड तक महसूस किए गए थे और इसकी गहराई करीब 40 किलोमीटर तक रही। भूकंप 30.3 अक्षांतर और 77.95 देशांतर पर था।
उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के पूर्वानुमान की अब और अधिक सटीक जानकारी मिलेगी। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई और यूसर्क की ओर से देहरादून के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता में राज्य का पहला रेडान सेंटर स्थापित किया गया है।
यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओपी नौटियाल के मुताबिक यूसर्क की ओर से इस शोध परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से पूरे देश में 300 रेडान सेंटर स्थापित किए जा रहे हैैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद भूकंप के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी मिलेगी।
वैज्ञानिक डॉ. ओपी नौटियाल के मुताबिक रेडान सेंटर की स्थापना भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. मनीष जोशी और डॉ. एसी नौटियाल की देखरेख में की गई।
दूसरी ओर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर के प्राचार्य डॉ. सतपाल सिंह साहनी का कहना है कि भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और यूसर्क की ओर से रेडान सेंटर की स्थापना से जहां भूकंप के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड जैसे राज्यों को पूर्वानुमान लगाने में लाभ मिलेगा। वहीं, भूकंप के क्षेत्र में शोध करने वाले शोधार्थियों को भी सहायता मिलेगी।