उत्तर प्रदेश में हाल ही में लागू हुए धर्मांतरण कानून को लेकर रिटायर्ड अधिकारियों के एक समूह ने पत्र लिखकर सरकार के प्रति समर्थन जताया. इससे पहले 104 रिटायर्ड अधिकारियों ने पत्र लिखकर धर्मांतरण कानून को असंवैधानिक बताया था. ऐसे में अब फॉर्म ऑफ कंसर्नड सिटिज़न नाम के संगठन से जुड़े 224 रिटायर्ड अधिकारियों ने चिट्ठी लिखकर कानून को अपना समर्थन दिया है.
इस चिट्ठी में लिखा है कि कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी, जो अमूमन सरकार के कामों के विरोधी स्वभाव के हैं, कानून का विरोध कर रहे हैं. राजनैतिक तौर पर एक पक्ष लेने वाले ये अधिकारी हजारों अधिकारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संविधान के बारे में फिर से पढ़ने की नसीहत को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए इस चिट्ठी में कहा गया है कि ये बयान संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने वाला बयान है. चिट्ठी के अंत में सभी राज्य सरकारों से अपील की गई है कि वो जनहित में बेहतर फैसले लेते रहें.
बता दें कि हाल में पारित उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध अध्यादेश उन शादियों को निरस्त करता है अगर वे सिर्फ धर्मांतरण के उद्देश्य से की गई हों. प्रदेश सरकार ने 24 नवंबर को मसौदा अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसके तहत उल्लंघन करने वाले को 10 साल की कैद की सजा हो सकती है.