पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में फ्रांस के तीन सैनिकों की हत्या की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जामा नुसरत उल इस्लाम वा अल मुस्लीमीन (जेएनआइएम) ने ली है। जेएनआइएम आतंकवादी संगठन अल कायदा से संबंद्ध है। बता दें कि माली में फ्रांस के तीन सैनिकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी माली में सक्रिय जेएनआइएम आतंकवादी संगठन ने लिया है। अमेरिका खुफिया समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी। बता दें कि फ्रांस ने साहेल क्षेत्र में चरमपंथियों से निपटने के लिए पांच हजार सैनिकों की तैनाती की हुई है। माली में 2013 से फ्रांस की सेना अल कायदा से जुड़े गुट के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, जिसमें अब तक 41 से अधिक फ्रांसीसी सैनिकों की मौत हो चुकी है।
जेएनआइएम ने माली से फ्रांसीसी सेना को हटाने की मांग की है। यह हमला माली के होमबोरी क्षेत्र में शनिवार सुबह उस वक्त हुआ जब फ्रांसीसी सैनिक एक वाहन से सवार होकर सैन्य अभियान के लिए जा रहे थे। हमला आइइडी विस्फोट के जरिए किया गया था। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में फ्रांस ने मौरिटानिया, माली, बुर्किना, फासो, नाइजर और चाड में इस्लामिक आतंकवादी समूहों के खिलाफ एक सैन्य अभियान की शुरुआत की थी। 3 नवंबर को फ्रांस की सरकार ने कहा था कि अल कायदा से जुड़े 50 से अधिक आतंकवादी मध्य माली में एक सैन्य ऑपरेशन में मारे गए थे।
फ्रांस ने अक्टूबर के अंमित सप्ताह में इस क्षेत्र में जिहादी विरोधी अभियान की शुरुआत की थी। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा था कि मैं एक ऐसे ऑपरेशन के बारे में बताना चाहूंगी जो अति महत्वपूर्ण है। इस आंदोलन को 30 अक्टूबर को अंजाम दिया गया था। इसके तहत 50 से अधिक आतंकियों को मारा गया है और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। फ्रांस का यह ऑपरेशन उस इलाके में हुआ जो बुर्किना फासो और नाइजर की सीमा के पास है। यहां पर सेना चरमपंथियों के खिलाफ लड़ रही है। पार्ली राजधानी बामाको में हैं और उन्होंने सरकार के मंत्रियों से मुलाकात भी की हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तब की गई जब ड्रोन ने मोटर साइकिलों के काफिले को देखा और उसके बाद सेना ने हवाई हमले किए।