- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ‘उ0प्र0 कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ की बैठक सम्पन्न
- ‘मिशन रोजगार अभियान’ के तहत प्रत्येक जनपद में जिला सेवायोजन कार्यालय को केन्द्र में रखते हुए व्यापक स्तर पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश
- एम0एस0एम0ई0 सेक्टर और ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की तर्ज पर असंगठित कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए
- असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा के साथ जोड़ने का व्यापक अभियान चलाया जाए
- संगठित क्षेत्र के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता
- कामगारों/श्रमिकों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए
- प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की भांति निवासी कामगारों/श्रमिकों के डाटा संग्रहण तथा स्किल मैपिंग का कार्य प्रत्येक जनपद में प्राथमिकता पर किया जाए
- कामगारों/श्रमिकों के सेवायोजन एवं रोजगार सम्बन्धी कार्यों की जनपद तथा मण्डल स्तर पर साप्ताहिक व पाक्षिक समीक्षा किए जाने के निर्देश, शासन स्तर पर इस सम्बन्ध में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं
- एम0एस0एम0ई0 सेक्टर सहित ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ की रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका
- एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की पूर्व स्थापित तथा नवीन इकाइयों को अब तक लगभग 31,000 करोड़ रु0 का ऋण उपलब्ध कराया गया
- गौ-आधारित खेती के साथ-साथ गंगा जी के तटीय क्षेत्रों में बागवानी व आॅर्गनिक खेती को बढ़ावा देने से व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित होंगे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ‘मिशन रोजगार अभियान’ के तहत प्रत्येक जनपद में जिला सेवायोजन कार्यालय को केन्द्र में रखते हुए व्यापक स्तर पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर और ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की तर्ज पर असंगठित कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा के साथ जोड़ने का व्यापक अभियान चलाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों को जोड़ते हुए उनके मार्गदर्शन और सुझावों को प्राप्त करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्हांेंने कहा कि संगठित क्षेत्र के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। कामगारों/श्रमिकों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की भांति निवासी कामगारों/श्रमिकों के डाटा संग्रहण तथा स्किल मैपिंग का कार्य प्रत्येक जनपद में प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर इन कार्यों के सम्बन्ध में निरन्तर कार्यवाही हो। डिस्ट्रिक्ट बैंकर्स कमेटी की बैठक आयोजित कर बैंकों से बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न योजनाओं के तहत अधिक से अधिक लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने जनपद स्तर पर रोजगार मेलों व लोन मेलों को आयोजित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कामगारों/श्रमिकों के सेवायोजन एवं रोजगार सम्बन्धी कार्यों की जनपद तथा मण्डल स्तर पर साप्ताहिक व पाक्षिक समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर भी इस सम्बन्ध में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं, जो इन कार्यों की प्रगति आख्या से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि कामगारों/श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करते हुए उन्हें योग्यता व क्षमता के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने व उससे बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं, उसी प्रकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों/श्रमिकों के लिए रणनीति बनाते हुए कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर सहित ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ जैसी योजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन सेक्टर व योजनाओं के माध्यम से कामगारों/श्रमिकों को व्यापक पैमाने पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की पूर्व स्थापित तथा नवीन इकाइयों को अब तक लगभग 31,000 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘मिशन रोजगार अभियान’ के तहत किए जाने वाले कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, कामगारों/श्रमिकों से संवाद स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के कार्यों में जिन जनपदों द्वारा अच्छे कार्य किए गए हैं, उनकी सराहना की जाए। उन्होंने इन कार्यों में अपेक्षित प्रगति न दर्शाने वाले जनपदों के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार की व्यापक सम्भावनाएं हैं। इसी प्रकार, कृषि क्षेत्र में भी रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं। गौ-आधारित खेती के साथ-साथ गंगा जी के तटीय क्षेत्रों में बागवानी व आॅर्गनिक खेती को बढ़ावा देने से भी व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित होंगे। कोविड-19 के दौरान मनरेगा में बड़ी संख्या में मानव दिवस सृजित हुए, जिनका लाभ कामगारों/श्रमिकों को मिला। इसी प्रकार, एक्सप्रेस-वे और हाई-वे तथा अन्य निर्माण कार्यों में कामगार/श्रमिक सेवायोजित किए गए। ऐसे अभियानों को एक नई दिशा और गति देते हुए कार्य किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन ने कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की दिशा में किए जा कार्यों से अवगत कराया। ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के सदस्यों से मुख्यमंत्री जी ने सुझाव आमंत्रित किए। सदस्यों ने मुख्यमंत्री जी को अपने विचारों से अवगत कराया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रम श्री सुरेश चन्द्रा, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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