चेन्नई। सीएमएस-01 (CMS-01) इसरो (ISRO) की 42वीं कम्युनिकेशन सैटेलाइट (Communication Satellite) है और यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के एक्सटेंडेड सी बैंड में सेवा उपलब्ध कराएगी जिसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह होंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। इसरो आज पीएसएलवी-सी50 के जरिये संचार उपग्रह सीएमएस-01 को लांच करेगा। कोरोना काल में इस साल इसरो का यह दूसरा मिशन है। इसके लिए सतीश धवन स्पेश सेंटर से 25 घंटे की उलटी गिनती बुधवार दोपहर को ही शुरू हो गई थी।
बता दें कि पीएसएलवी का यह 52वां मिशन होगा। संचार उपग्रह सीएमएस-01 को दोपहर 3.41 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा। सीएमएस-01 इसरो का 42वां संचार उपग्रह है। यह देश की मुख्य भूमि के साथ-साथ अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूहों को एक्सटेंडेड सी-बैंड की सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इससे पहले सात नवंबर को पीएसएलवी-सी49 के जरिये भू-निगरानी उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था।
सीएमएस-01 सैटेलाइट की वजह से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा। इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधरने के साथ ही सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी। सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगी।