पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू किसान के मुद्दे पर बेहद मुखर हैं। वे लगातार केंद्र सरकार पर बरस भी रहे हैं। रविवार को एक बार फिर सिद्धू ने कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बावजूद किसानों की चिंताओं पर कोई भी प्रस्ताव लाने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

सिद्धू ने रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट करते हुए कहा कि किसान कर्जमाफी या अनुदान के लिए आंदोलन नहीं कर रहे बल्कि जायज आमदनी और उपज के सही मूल्य की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किसानों की आमदनी तय करने में विफल रही है।
विभिन्न नीतियों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वालों के वेतन में वृद्धि होती रहती है लेकिन वर्षों से ‘अन्नदाता’ (किसानों) को उपज का उचित मूल्य देने में सरकार बुरी तरह विफल रही है। किसानों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदासीन रवैये की सिद्धू ने आलोचना की। पूर्व क्रिकेटर ने ट्विटर पर लिखा कि सरकार ने पहले किसान की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन उन्हें 6000 रुपये (मासिक 500 रुपये) का ‘लॉलीपॉप’ ही दिया गया है।
सिद्धू ने किसानों की आय बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “प्रत्येक किसान को कम से कम 15,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रति माह चाहिए। यह एकमात्र तरीका है जिससे हम अपने किसानों को मजबूत कर सकते हैं। दरअसल, सिद्धू ने केंद्र सरकार की जिस योजना को लॉलीपॉप बताया है, उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना कहा जाता है। इस योजना में किसानों को सलाना छह हजार रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार मुहैया कराती है। किसानों के खाते में साल में तीन बार 2000-2000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से पंजाब की राजनीति में हाशिए पर चल रहे थे। हालांकि किसान आंदोलन में एक बार फिर वे राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए। पंजाब में राहुल गांधी की किसान बचाओ यात्रा के दौरान लंबे समय के अंतराल के बाद सिद्धू कांग्रेस के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर से भी सिद्धू की एक मुलाकात हो चुकी है।
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