कोयंबटूर में चार साल का वीरा नाम का एक कुत्ता एक दुर्घटना में अपने दोनों पैरों को गंवा चुका था और इस कारण वह लंगड़ाकर चलता था। लेकिन अब उसे एक व्हीलचेयर दिया गया, जिसकी मदद से अब वो आसानी से कहीं भी आ जा सकता है। दरअसल, शहर के पशु प्रेमी की नजर वीरा पर पड़ी और उसे कुत्ते की इस हालत को देखकर दुख हुआ। इसके बाद उसने वीरा के लिए एक व्हीलचेयर तैयार किया। साथ ही उसने वीरा को गोद भी ले लिया है।
एक आईटी कर्मचारी गायत्री ने अपने मैकेनिकल इंजीनियर पिता की मदद से वीरा के लिए एक छोटा व्हीलचेयर बनाया। गायत्री का कहना है कि उन्होंने शहर के एक आश्रय गृह से चार साल के वीरा को गोद लिया और उसे कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान घर लेकर आईं।
उन्होंने कहा, मैं बचपन से ही हमेशा कुत्तों से प्यार करती थी। हालांकि, पढ़ाई के कारण मेरे पास समय नहीं होता था, इसलिए मेरे पास पालतू कुत्ता नहीं रहा। लेकिन जब कोरोना और लॉकडाउन के दौरान मैंने घर से काम करना शुरू किया और मेरे पास समय रहने लगा, तो मुझे लगा कि यह कुत्ता खरीदने का सही समय है।
गायत्री ने बताया, मैंने आश्रय गृह से एक कुत्ते को गोद लिया, जिसने दुर्घटना में दोनों पैर गंवा दिए थे। मेरे पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, उन्होंने वीरा के लिए एक व्हीलचेयर तैयार करने का निर्णय लिया।
वीरा के पट्टे से जुड़ा व्हीलचेयर उसे अपने आगे वाले पैरों का उपयोग करके बैठने और चलने में मदद करता है। व्हीलचेयर के टायर चमकीले पीले रंग के हैं और गायत्री के पिता काशी ने पीवीसी पाइप से एक कृत्रिम प्लास्टिक कप लेग को एक जूते के साथ जोड़ा और इससे कुत्ते का चलना और बैठना आसान हो गया।
गायत्री के पिता ने कहा, आश्रय घर में कई कुत्तों को देखने के बावजूद, हमने इस कुत्ते को चुना क्योंकि यह कुत्ता किसी के द्वारा अपनाया नहीं जा रहा था। इसे देखकर ऐसा लग रहा था कि इसके साथ दुर्व्यवहार किया गया है और विकलांग होने के कारण उसे कोई गोद नहीं ले रहा है। यही वजह है कि हमने उसे घर लाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, कुत्ते को अब व्हीलचेयर का उपयोग करने के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। हालांकि, अभी के लिए वीरा खुश लग रहा है। अब, वह हमारे परिवार का एक हिस्सा है, इसलिए हम भी बेहद खुश हैं।