करनाल में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सोनीपत में भी पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया। वहीं रोहतक के महम में 900 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। ये सभी किसान दिल्ली कूच पर निकले हैं।
किसान संगठनों के आह्वान पर दिल्ली जा रहे किसानों ने रोहतक के महम बॉर्डर पर पुलिस नाका तोड़ा और आगे बढ़ गए। इसको लेकर वहां के डयूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस एसए ने महम थाना पुलिस को शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दो अलग-अलग मुकदमों में 900 किसानों पर धारा 147, 148 ,186 ,353 व कोरोना महामारी एक्ट 2019 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
महम थाना पुलिस को दी शिकायत में राजकुमार शर्मा नायब तहसीलदार एवं डयूटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि वह महम-हांसी बॉर्डर पर बतौर डयूटी मजिस्ट्रेट तैनात हैं। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे दिन में हांसी की ओर से ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर करीब 500 लोग रोहतक की ओर बढ़े। महम-हांसी बॉर्डर पर लगे नाके पर पहुंचे और यहां इकट्ठा होने के बाद नारेबाजी करने लगे। उन्हें राजकुमार शर्मा ने पुलिस बल के साथ काफी समझाया लेकिन भीड़ ने काफी उग्र रूप धारण कर लिया और नाका के पास खड़े वाहनों व जान माल को नुकसान पहुंचाने पर उतारू हो गये।
पुलिस बल को आदेश दिये कि वाटर कैनन व टियर गैस का इस्तेमाल कर उग्र भीड़ को तितर-बितर करें। पुलिस ने जब ऐसा किया तो भीड़ ने पुलिस कि तरफ पथराव किया। उनकी संख्या को देखते हुए पुलिस बल को पीछे किया गया। उग्र भीड़ नाका तोड़ कर आगे निकल गई।
महम थाना पुलिस को दी शिकायत में थाने में तैनात मुख्य सिपाही सतपाल ने बताया कि वह बतौर एसए महम में तैनात है। उसकी डयूटी पीपला पुल नाका भैणी महाराजपुर के पास हिसार-दिल्ली रोड पर किसान आंदोलन के संबंध में लगी है। मौके पर डयूटी मजिस्ट्रेट जगदीप सिंह की भी डयूटी लगी हुई है।
शुक्रवार सुबह करीब 20 ट्रॉलियों में लगभग 400 लोग किसान आंदोलन के संबंध में कूच करते हुए हांसी की ओर से आए और नाका तोड़ने की कोशिश करने लगे। जिनको डयूटी मजिस्ट्रेट ने काफी समझाया लेकिन वे नहीं माने। उन पर वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया, आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए, वे फिर भी नहीं माने। वे जबरन नाका तोड़ते हुए मौके से निकल गए।
करनाल सदर थाना पुलिस ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच करते समय हुई पुलिस और किसानों की झड़प के मामले में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत सैकड़ों किसानों पर अलग-अलग दो केस दर्ज किए हैं। इसमें आईपीसी की धारा 186, 188 और थ्री पीडीपी एक्ट लगाया गया है। सदर थाना प्रभारी बलजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
बता दें गुरुवार दोपहर को सैकड़ों किसान भाकियू नेता गुरनाम सिंह के नेतृत्व में ट्रैक्टर ट्रालियों में पहुंचे और पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले। किसानों ने पुलिसवालों को धकेलते हुए पत्थरों को हटा दिया और ट्रकों को साइड में करते हुए आगे निकल गए। डेढ़ घंटे तक पुलिस और किसानों में टकराव की स्थिति रही थी। इसके बाद किसान दिल्ली कूच कर गये थे। इस मामले में सदर थाना के हवलदार संजय की शिकायत पर भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत सैकड़ों किसानों पर केस दर्ज किया गया है। इसी प्रकार, शाम पांच बजे पंजाब से काफी किसान यहां पर पहुंचे और कर्ण लेक के सामने लगे नाकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस मामले में पुलिस सभी अज्ञात किसानों पर केस दर्ज किया है।
सोनीपत में राई थाना प्रभारी ने शिकायत दी है कि सुबह करीब दस बजे सैकड़ों लोगों ने धारा 144 के उल्लंघन के साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर लागू नियमों की भी अवहेलना की है। राई थाना प्रभारी के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
राई थाना प्रभारी की शिकायत में कहा गया है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के सामने खड़े थे। वहां पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार वेद प्रकाश गिल थे। इसी बीच ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार, बस, ट्रक व अन्य वाहनों में एक बड़ा काफिला आया और उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार के कोरोना महामारी के निर्देशों का पालन नहीं किया और बैरिकेड व लोहा चेन को हटा दिया।
उन्हें धारा-144 के बारे में बताया तो वह नहीं माने और फुटपाथ को तोड़ना शुरू कर दिया। वह फुटपाथ तोड़कर आगे दिल्ली की तरफ चले गए। साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सरकारी काम में बाधा डाली। पुलिस ने मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 149, 186, 188, 3 पीडीपी एक्ट और 51 डीएम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।