भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद उस समय के बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद ने मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे और जांच में उनके ऊपर लगे आरोप सही पाए गए थे।
नीतीश सरकार में शपथ लेने वाले मेवालाल चौधरी भ्रष्टाचार को लेकर चौतरफा घिरने के बाद गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मेवालाल के इस्तीफे के बाद अशोक चौधरी को अब शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
वहीं मेवालाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला दिया हो। न हमारे खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही हमारे ऊपर कोई आरोप दर्ज़ हुआ है।
बता दें कि मेवालाल के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल हमलावर हो गई थी। आरजेडी मेवालाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही है।
गौरतलब है कि 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए कॉलेज के नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप है। उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 सहायक प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज है।