बिहार विधानसभा चुनाव में जहां एनडीए को बहुमत मिल चुका है और वह सरकार बनाने की तैयारियों में जुटा है, वहीं जोड़-तोड़ की कवायद भी चल रही है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद अभी भी सरकार बनाने के फार्मूले पर काम कर रही है। इसी सिलसिले में गुरुवार को पार्टी ने विधायक दल की बैठक की। इसमें राजद नीत महागठबंधन के अन्य निर्वाचत विधायकों को भी बुलाया गया।
राजद की यह बैठक पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई। अध्यक्षता राजद नेता तेजस्वी यादव ने की। बता दें कि बिहार चुनाव के नतीजों को आए हुए दो दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी गठबंधन राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा लेकर नहीं गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अपने पूर्व सहयोगियों से संपर्क साधा है। नतीजों के मुताबिक एनडीए को 125 सीटें तो महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायक चाहिए। ऐसे में महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए 12 और विधायकों के साथ की जरूरत है।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजद मुकेश सहनी की वीआईपी और जीतनराम मांझी की हम पार्टी के संपर्क में है। साथ ही हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से भी बात कर रही है। अगर यह बात बन जाती है तो महागठबंधन को सत्ता मिल सकती है। एआईएमआईएम को पांच और वीआईपी व हम ने चार-चार सीटें जीती हैं। तीनों के मिलाकर 13 विधायक हो रहे हैं।
राजद के एक सूत्र ने बताया कि कोशिश करने में कुछ जाता नहीं है, अगर वीआईपी और हम हमारे साथ आ जाएं तो यह तय है कि उनका फायदा ज्यादा होगा। इधर कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा है कि महागठबंधन को एआईएमआईएम पार्टी का समर्थन बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
अनवर ने कहा कि हमें सच को स्वीकार करना चाहिए, महागठबंधन की हार की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस ही है और कांग्रेस को अब विषय पर जरूर आत्म चिंतन करना चाहिए कि आखिर उससे यह गलती कहां हुई है।