दिव्य दीपोत्सव पर रामनगरी में सदियों बाद त्रेतायुग जैसी भव्यता और उल्लास जीवंत होती दिख रही है। लंका विजय कर घर लौटे प्रभु राम के आगमन की खुशी में जलाई गई दीपों की माला और घर-घर हुई सजावट ने विश्व को दिवाली जैसा पावन पर्व दिया था। इस बार श्रीराम की जन्मभूमि पर सदियों की प्रतीक्षा के बाद शुरू हुए भव्य राममंदिर निर्माण ने बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय दिव्य दीपोत्सव की खुशी को अनंत गुना बढ़ा दिया है।

रामायण के दृश्यों के जरिए सबमें राम-सबके राम की अनुपम झलक कार्यक्रम स्थलों, सरयू के घाटों से लेकर सड़कें-गलियां, मठ-मंदिरों समेत 16 प्रवेश द्वारों की दिव्यता बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में दिव्य दीपोत्सव की नींव रखते हुए घोषणा की थी कि जल्द ही राममंदिर निर्माण की अनुपम बेला अयोध्या की भव्यता बढ़ाएगी। यह सपना पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साकार हुआ। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन और निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दीपोत्सव को लेकर समूचे विश्व में रामभक्तों का उल्लास देखने लायक है।
योगी सरकार ने लोगों के उल्लास को देखते हुए कोरोना के कारण आने की इजाजत भले ही नहीं दी, मगर रामलला के दरबार में वर्चुअल दीप जलाने का प्लेटफार्म जन-जन के लिए उपलब्ध कराया है।
तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में 13 नवंबर को सीएम योगी समेत राज्यपाल एवं कई मंत्री शिरकत करेंगे। इस दौरान पूरे रामनगरी में करीब दस लाख दीप जलाए जाएंगे। अकेले राम की पैड़ी पर ही छह लाख दीप जलाने की तैयारी है, जिसके जरिए यह सुनिश्चित करना है कि हर हाल में 40 मिनट के भीतर 5.51 लाख दीप जल जाएं और पांच मिनट तक लगातार जलते रहें, ताकि गिनीज बुक में नया रिकॉर्ड दर्ज हो।
हाईवे व साकेत कॉलेज से राम की पैड़ी तक कुल 16 प्रवेश द्वार बनाकर भव्य सजावट मन मोह रही है। जबकि राम की पैड़ी से रामकथा पार्क तक रामायण पर आधारित 20 तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक कलश, दीप, झालर लाइटिंग के माध्यम से संपूर्ण रामनगरी को रोशन करने की तैयारी की गई है। सरयू पुल पर भी भव्य सजावट के लिए विद्युत झालरें लगाईं जा रही हैं। राम की पैड़ी में भव्य लेजर शो होगा।
राम की पैड़ी पर दीप जलाने का ले आउट तैयार किया जा चुका है। इस बार राम की पैड़ी दो गुना विस्तारित हो चुकी है इसलिए दीपोत्सव की छटा भी भव्य नजर आएगी। इस बार लेजर शो के जरिए आतिशबाजी नया कार्यक्रम होगा।
लेजर के जरिए दीपोत्सव के समय आतिशबाजी की जाएगी। शाम होते ही एक रंग में रंगे पैड़ी परिसर स्थित मठ-मंदिर व भवनों की लाइटिंग समारोह का आकर्षण बढ़ाएगी। सरयू तट पर रामायण आधारित प्रवेश द्वार सजाए गए हैं।
रामकथा पार्क में राम दरबार जैसा दृश्य सजाया गया है। चौधरी चरण सिंह घाट पर पुष्पक विमान (हेलीकाप्टर) से उतरकर जिस मार्ग से भगवान राम-सीता व लक्ष्मण को राम दरबार तक पहुंचना है, उस मार्ग के दोनों तरफ तोरण द्वार और विशेष सजावट की जा रही है।
रामकथा पार्क में अतिथियों के लिए अलग व संत-धर्माचार्यों के लिए एक ऊंचा मंच बनाया गया है। साकेत कॉलेज में से निकलने वाले रामादल की झांकी में देश के विभिन्न राज्यों से 300 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इस बार की तैयारी पिछले तीन दीपोत्सव से कई गुना अधिक नजर आ रही है।
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