बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है।
बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है जिनका एकमात्र सपना है कि किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, लोगों को बांटकर किसी भी तरह से सत्ता हथिया लेना है। इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, यही समझा है, यही सीखा है।
बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है। बिहार को फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा।
बीते दशक में बिहार के हर घर में बिजली पहुंची, अब ये दशक बिहार को चौबीसों घंटे जगमगाने का है। बीते दशक में बिहार में घर-घर गैस कनेक्शन पहुंचा, अब ये दशक बिहार के घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का है।
आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं।
आज एनडीए के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए।
कोरोना जैसे कठिन समय में इतनी सावधानियों के साथ चुनाव कराने के लिए मैं देश के चुनाव आयोग को लाख-लाख बधाई देता हूं। मैं बिहार की धरती से चुनाव आयोग, प्रशासन के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के जवानों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं।