ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम का एलान सोमवार को बीसीसीआई द्वारा कर दिया गया। द्विपक्षीय सीरीज के लिए वरुण चक्रवर्ती का टी-20 टीम में चयन किया गया। सिर्फ 12 टी-20 मुकाबले खेलने और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में करीब 10 मैचों के अनुभव वाले इस खिलाड़ी के चयन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
वरुण इस वक्त आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से खेल रहे है और टीम के प्रमुख स्पिन गेंदबाज बन चुके है। लेकिन उनकी कहानी बेहद ही दिलचस्प है। अचानक से चर्चा में आए वरुण ने हाल ही में आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम के खिलाफ चार ओवर में 20 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए। उस दौरान उन्होंने श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, शिमरॉन हेटमेयर, मार्कस स्टोइनिस जैसे स्टार खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया।
हालांकि आईपीएल में चुने जाने और फिर राष्ट्रीय टीम में चयन तक का वरुण का सफर बेहद दिलचस्प है। वरुण ने 13 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था और 17 साल की उम्र तक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेलते रहे। हालांकि ग्रुप क्रिकेट में लगातार दरकिनार किए जाने के बाद उन्होंने क्रिकेट छोड़कर पढाई की तरफ ध्यान लगाया। उन्होंने चेन्नई के एक कॉलेज से आर्किटेक्चर में पांच साल का कोर्स किया और फिर अच्छे पैकेज पर फ्रीलांस आर्किटेक्ट के तौर पर नौकरी करने लगे।
इसी दौरान उन्होंने फिर से टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और तेज गेंदबाजी करने लगे, लेकिन फिर चोटिल होने की वजह से उन्हें स्पिन गेंदबाजी की तरफ रुख करना पड़ा। वरुण ने स्पिन गेंदबाजी में कई विविधताओं को लाना शुरू कर दिया और एक मिस्ट्री स्पिनर बन गए। वरुण के मुताबिक वे सात तरह की गेंदें डाल सकते हैं। उनके मुताबिक वे लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक, गूगली, कैरम बॉल, फ्लिपर, यॉर्कर और टॉप स्पिनर डाल सकते हैं।
वरुण तब चर्चा में आए जब उन्होंने टीएनपीएल (तमिलनाडु प्रीमयर लीग) में 240 गेंदें फेंकी थी, जिसमें से उन्होंने रिकॉर्ड 125 डॉट बॉल डाले थे। इसके अलावा विजय हजारे ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज में इस गेंदबाज ने 4.23 की औसत से 22 विकेट चटकाए। उन्होंने 2018 में रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु की तरफ से डेब्यू किया। इसके बाद मुंबई इंडियंस के लिए ट्रायल दिए और नजर में आए।
चक्रवर्ती को 2019 में किंग्स इलेवन पंजाब ने 8.40 करोड़ रुपये में खरीदा। 20 लाख के बेस प्राइस वाले वरुण को अपने बेस प्राइस की 42 गुना रकम में खरीदा गया। हालांकि तब वे ज्यादा मुकाबले नहीं खेल पाए और उनका प्रदर्शन भी फीका ही रहा। लेकिन इस साल उन्हें केकेआर ने अपने साथ जोड़ा और सुनील नरेन के एक्शन विवाद के बाद प्लेइंग XI में मौका दिया।