आतंकवादियों का पनाह देने वाले देश पाकिस्तान में आने वाले समय में आटे की किल्लत हो सकती है। इसका कारण है पर्याप्त गेहूं का आयात नहीं होना। प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को गेहूं के आयात में देरी के लिए संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगाई। आपको बताते चलें कि पाकिस्तान के कई इलाकों में इन दिनों आटे की किल्लत भी हो गई है।
पाकिस्तानी मीडिया DAWN के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अगर इस साल जुलाई में कम से कम 1.5 टन गेहूं का आयात किया गया होता तो स्थिति औसत हो सकती थी।
बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने नाम नहीं सार्वजिनक करने की शर्त पर DAWN को बताया कि प्रधानमंत्री ने इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, “मैंने संकट को दूर कर लिया था और अप्रैल में गेहूं के आयात का आदेश दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।”
वह इस बात से सहमत थे कि नौकरशाही ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के डर से गेहूं के आयात पर निर्णय नहीं लिया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि यह जिम्मेदारी अंततः सरकार पर आ गई। एक अन्य सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री के सलाहकार (वित्त) डॉ. हफीज शेख ने भी शिकायत की थी कि नौकरशाही फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है, क्योंकि NAB से डर गई थी।
सोमवार को एक समारोह में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि इस साल अप्रत्याशित बारिश (विशेष रूप से गेहूं की कटाई के मौसम के दौरान) के कारण फसल की कम पैदावार हुई, जिससे बाजार में कमी आई और कीमत में वृद्धि हुई।
बैठक में बताया गया कि पंजाब सरकार हर दिन 17,000 से 20,000 टन गेहूं जारी कर रही है और मांग के अनुसार कमोडिटी के स्टोरों में भी आपूर्ति की जा रही है। यह भी बताया गया कि सिंध सरकार चालू माह में मिलों को 85,000 टन गेहूं जारी कर रही है।