महिला के आत्मदाह केस में अब पूर्व पतियों पर कार्रवाई करने की तैयारी ,

विधानभवन के पास बीते मंगलवार (13 अक्टूबर) को महाराजगंज निवासी अंजलि तिवारी उर्फ आयशा के आत्मदाह मामले में उसके पूर्व पतियों अखिलेश तिवारी और आसिफ पर भी लखनऊ पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए महाराजगंज पुलिस से भी संपर्क किया है। उनके घरवालों को भी नोटिस दी गई है।

उधर, महिला के पोस्टमॉर्टम के बाद लखनऊ पुलिस ने उसे उसके घरवालों के सुपुर्द कर दिया था। महिला को आत्मदाह के लिए उकसाने में अभी महाराजगंज के एक सफेदपोश समेत कुछ अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है। इस दिशा में भी लखनऊ पुलिस ने अपनी छानबीन तेज कर दी है। महिला के आत्मदाह मामले की जांच हजरतगंज पुलिस ही कर रही है, जैसे-जैसे विवेचना आगे बढ़ेगी कई और लोगों पर कार्रवाई होगी।

जांच में जुटे लखनऊ पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि हर वह आरोपित सलाखों के पीछे होगा, जिसने महिला को आत्मदाह के लिए मजबूर किया।इस मामले में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्व. सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक प्रसाद को गुरुवार को जेल भेजा जा चुका है।

यह था मामला

मूलरूप से छत्तीसगढ़ निवासी अंजलि तिवारी ने दो वर्ष पूर्व घुघली थानाक्षेत्र के पचरूखिया निवासी अखिलेश तिवारी से शादी की थी। इस दौरान दोनों में विवाद हुआ और अंजली अलग रहने लगी। कुछ दिन बाद अंजली ने महराजगंज में ही राजघराना साड़ी सेंटर पर कार्य शुरू कर दिया। कार्य के दौरान ही वीरबहादुर नगर निवासी आसिफ से संबंध हो गया। उन दोनों ने निकाह कर लिया। अंजली ने अपना धर्म परिवर्तन कराकर नाम भी आयशा कर लिया। बाद में आसिफ सऊदी अरब भाग गया। उसके बाद अंजली उसके घर में रहने की जिद करने लगी। चार अक्टूबर को वह अपने कथित पति के घर के सामने धरने पर बैठ गई। बाद में मौके पर पहुंची महाराजगंज पुलिस उसे लेकर महिला थाने गई थी, लेकिन मामले का हल नहीं निकल पाया।

 

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