बिहार डीजीपी पद से सेवानिवृत्ति लेने के बाद राज्य के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के चुनाव लड़ने के कयास लगाए गए, लेकिन उन्होंने बुधवार को कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस पर तंज कसते हुए कहा है कि हमारे द्वारा टिकट देने के प्रश्न पूछने के डर के चलते भाजपा ने पांडेय को टिकट नहीं दिया है।
देखमुख ने कहा कि गुप्तेश्वर पांडे को चुनावी टिकट देना पार्टी का विषय है। हमने पूछा था कि क्या भाजपा के नेता उनके लिए प्रचार करेंगे। शायद इस सवाल के डर के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
वहीं, बुधवार को पूर्व डीजीपी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ‘अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें।’
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइडेट) ने बुधवार को अंतिम सूची जारी कर दी। इस सूची में गौर करने वाली बात यह रही कि जदयू ने बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं दिया, जिन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
ऐसा लगता है कि बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी कोशिश खतरे में पड़ गई है, क्योंकि यह निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के कोटे में चला गया है। जदयू के पास बक्सर जिले की राजपुर और डुमरांव दो विधानसभा सीटें है, जबकि शेष दो, बक्सर और ब्रह्मपुर, भाजपा के पास चली गई हैं।