उज्जैन में कोराना मरीजों की संख्या बीते 45 दिनों में दोगुनी हो गई है। मार्च से 5 अगस्त तक 1251 मरीज मिले थे, लेकिन 18 सितंबर तक यह आंकड़ा 2507 पर पहुंच गया। इस दौरान कुल जांचों में से पॉजिटिव निकलने वाले मामलों की दर (पॉजिटिविटी रेट) भी बढ़ी है। अगस्त के मुकाबले सितंबर में यह दोगुनी हो चुकी है। इसके साथ ही रिकवरी रेट भी कम हुआ है, वहीं मौतों का आंकड़ा 85 पर पहुंच गया है।

उज्जैन जिले में संक्रमण का पहला मामला 25 मार्च को सामने आया था। जांसापुरा निवासी 65 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद मई तक संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया। मार्च में 6, अप्रैल में 135, मई में 535 नए मरीज मिले। इसके बाद जून और जुलाई में राहत मिली।
इस दौरान क्रमशः 183 और 328 नए केस दर्ज हुए, लेकिन अगस्त से एक बार फिर संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई। अगस्त में कुल 603 नए मरीज मिले थे, वहीं सितंबर में 18 तारीख तक 717 केस सामने आ चुके हैं।
स्वास्थ्य अमले के अनुसार सितंबर में पॉजिटिविटी रेट 5.16 फीसद पर पहुंच गया है। यानी हर 20 में से एक रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। ऐसे में सितंबर में बड़ी संख्या में नए केस मिल सकते हैं। आंकड़ा 1200 के पार जा सकता है।
बढ़ते संक्रमण के बीच राहत की बात यह है कि शुरुआती दौर के बाद उज्जैन में मृत्यु नियंत्रित है। मौतों का सिलसिला मार्च से शुरू हुआ था। मार्च में 2, अप्रैल में 22 और मई में सर्वाधिक 35 मौतें हुई थीं।
जिले में डेथ रेट अन्य बड़े शहर के मुकाबले काफी ज्यादा था। यह 22 फीसद से अभी अधिक पर पहुंच गया था, मगर इसके बाद इस पर अंकुश लगा।
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