उत्तर प्रदेश के बदायूं के मेडिकल कॉलेज में पिछले छह दिनों से भर्ती दुष्कर्म के आरोपित कोरोना संक्रमित की खिड़की से कूदने पर मौत हो गई। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपित के कोराेना से संक्रमित होने पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। अफसरों की मानें तो कोरोना संक्रमित ने मेडिकल कॉलेज की खिड़की से कूदकर भागने की कोशिश की थी। जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि मामले में अभी तक पोस्टमार्टम कराने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
छह दिन पहले फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के सिकरी गांव निवासी नरेश शर्मा पुलिस ने पिछले सात सितंबर को गिरफ्तार किया था। जांच में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को सुबह वह बाथरूम में जाकर बैठ गया। स्टाफ ने जब बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो पहले तो उसकी आवाज आती रही, लेकिन बाद में आवाज आनी बंद हो गई। दरवाजा तोड़ा गया तो खिड़की से चादर लटकी हुई थी। चादर छोटी होने की वजह से वह कूदा था, इसलिए उसके सिर और पैर में चोट आई थी।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को अवगत कराया तो जांच-पड़ताल करने के बाद उसका उपचार कराया जा रहा था, लेकिन दोपहर में उसकी मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गई है। चूंकि वह बंदी है, इसलिए प्रशासन को ही तय करना है। हालांकि परिजन असमंजस में हैं, मृतक के भतीजे का कहना है कि गुरुवार शाम तक मोबाइल पर बात होती रही, स्वास्थ्य भी ठीक लग रहा था। फिलहाल, इस मामले में पुलिस प्रशासन अभी इस प्रकरण में पोस्टमार्टम को लेकर उलझा हुआ है।
पुलिस ने नरेश शर्मा को गिरफ्तार किया था। कोरोना संक्रमित होने की वजह से उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वह शराब पीने का आदी थी, कल उसने मेडिकल कॉलेज से भागने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई है।
बदायूं, जेएनएन उत्तर प्रदेश के बदायूं में सात दिन पहले सिकरी गांव निवासी नरेश को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार दोपहर को प्रबंधन ने उसके परिजनों को सूचना दी कि बीमारी से उसकी मौत हो गई है। जबकि परिजनों का कहना है कि अन्य मरीजों से पता चला कि उसने मेडिकल कॉलेज की छत से कूदकर आत्महत्या की है। प्रबंधन इस बात को छिपा रहा। अभी शव मेडिकल कॉलेज में ही रखा है।