ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन (Oxford University COVID-19 vaccine) का ट्रायल रोक दिया गया है। ट्रायल में हिस्सा ले रहे एक ब्रिटिश वॉलंटियर के बीमार पड़ने के कारण यह कदम उठाया गया। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के मामले में सर्वोच्च सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है। ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर बायोफार्मास्युटिकल फर्म एस्ट्राजेनेका इस वैक्सीन को तैयार कर रही है।
डब्ल्यूएचओ की मुख्य विज्ञानी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि हम तेजी की बात कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि सुरक्षा से समझौता किया जाएगा। वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए। लोगों को दवाएं और वैक्सीन दिए जाने से पहले उसकी सुरक्षा की जांच होनी जरूरी है।
आपको बता दें कि पहले और दूसरे चरण में सफल रहने के बाद बैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। अगले साल की शुरुआत तक इसके बाजार में आने की उम्मीद की जा रही है। वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका से करीब 30,000 वॉलंटियर जुड़े हैं। इस चारों देशों में ट्रायल रुक गया है।
जल्द ही शुरू होगा परीक्षण
एस्ट्रोजेनेका के प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन के वैश्विक स्तर पर चल रहे ट्रायल के दौरान अपनी मानक प्रक्रिया के तहत हमने स्वतंत्र कमेटी से समीक्षा के लिए अभी परीक्षण को रोक दिया है। उन्होंने ने बताया कि विपरीत प्रभाव केवल एक ही वॉलंटियर पर दिखा है। हमारी टीम इसकी समीक्षा कर रही है, जिससे ट्रायल की टाइमलाइन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। हम पूरी सुरक्षा एवं तय मानकों के हिसाब से परीक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उम्मीद है कि जल्द ही परीक्षण फिर शुरू हो जाएगा।
भारत में नहीं रुका ट्रायल, डीसीजीआइ का नोटिस
वैक्सीन का भारत में परीक्षण कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) ने यहां ट्रायल नहीं रुकने की जानकारी दी है। इस मामले में केंद्रीय दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) डॉ. वीजी सोमानी ने विदेश में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल रोके जाने की जानकारी नहीं देने के मामले में एसआइआइ को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसमें पूछा गया है कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए फिलहाल परीक्षण रोक क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एसआइआइ ने डीसीजीआइ के निर्देशों का पालन करने की बात कही है, साथ ही कहा है कि अभी उसे ट्रायल रोकने का निर्देश नहीं मिला है।