मानसूनी सीजन का तीसरा महीना खत्म होने जा रहा है। एक जून से शुरू हुआ यह सीजन 30 सितंबर तक रहता है। बारिश के लिहाज से अगस्त महीना काफी अच्छा रहा। इसमें पिछले 44 साल का देश में बारिश का रिकॉर्ड टूटा। हालांकि विभिन्न राज्यों में अब तक बूंदों के गिरने की रफ्तार असमान रही है। एक जून से 30 अगस्त के बीच सर्वाधिक बारिश गुजरात में हुई है जो सामान्य से 61 फीसद अधिक रही है। हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अभी तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।
अगस्त में सर्वाधिक बारिश
इस मानसूनी सीजन में जून महीने में सामान्य की तुलना में 17 फीसद अधिक बारिश हुई, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 10 फीसद कम रहा। अगस्त में सामान्य के मुकाबले 28.4 फीसद अधिक बारिश हुई।
880 मिमी: 1961 से 2010 के बीच के आंकड़ों के आधार पर लगाए जाने वाले दीर्घावधि अनुमान के अनुसार मानसूनी सीजन के दौरान पूरे देश में होने वाली बारिश की मात्रा। इस बारिश का 96-104 फीसद स्तर सामान्य दर्ज किया जाता है। इससे पहले रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। इससे पूर्व 2012 में 31 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 26.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नमी का स्तर 71 से 94 फीसद रहा। शाम साढ़े पांच बजे तक पालम में 0.9, जबकि आया नगर में 1.6 मि.मी. बारिश दर्ज की गई।
स्काईमेट वेदर केे मुख्य मौसम विज्ञानी केे महेश पलावत ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार मानसून की विदाई थोड़ी देर से होगी। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि पूरे सितंबर माह में बारिश होगी। अलबत्ता, बीच-बीच में बारिश का दौर चलता रहेगा। अब अल नीनो की जगह ला नीना सक्रिय हो रहा है। इसके चलते प्रशांत महासागर में तापमान कम होने लगेंगे, जबकि मानसून का विस्तार होगा। मौसम विभाग ने 100 साल के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए इस साल मानसून की विदाई का समय भी आगे बढ़ा दिया है।