बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक ने अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया है. जनता दल यूनाइटेड (JDU) से निकाले जाने के बाद श्याम रजक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए हैं. RJD में शामिल होने से पहले श्याम रजक ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था. विधायकी जाने के बाद उन्होंने अपना सरकारी बंगला छोड़ने का फैसला किया.
सरकारी बंगला छोड़ते समय श्याम रजक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैंने तो नैतिकता का पालन करते हुए सरकारी बंगला छोड़ा, मगर नीतीश कुमार ने जब मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था तो क्या-क्या सुविधाएं नियम के विरुद्ध प्राप्त कर रहे थे. JDU पर हमला करते हुए श्याम रजक ने सवाल उठाया कि आरसीपी सिंह जो पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और संजय सिंह जो पूर्व एमएलसी हैं, वह किस मापदंड के अंतर्गत.
श्याम रजक ने कहा कि सरकारी बंगलों में और लोग भी रह रहे हैं, मगर सवाल यह है कि वह किस आधार पर वहां रह रहे हैं. मैं जानना चाहता हूं आरसीपी सिंह और संजय सिंह किस आधार पर सरकारी बंगले में रह रहे हैं ? उनमें नैतिकता है तो उन्हें मेरे सवाल का जवाब देना चाहिए और अगर नैतिकता नहीं है तो चुपचाप से घर में रहें. बता दें, श्याम रजक पिछले 23 सालों से पटना के 20A, क्रांति मार्ग स्थित बंगले में रह रहे थे. इस मामले में वह तब से रह रहे थे जब वह लालू – राबड़ी शासनकाल में मंत्री हुआ करते थे और उसके बाद नीतीश कुमार सरकार में भी मंत्री बने रहे.
श्याम रजक की गिनती कभी लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं में होती थी, लेकिन बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया था और नीतीश कुमार के राइट हैंड माने जाने लगे थे. अब फिर एक बार श्याम रजक ने घर वापसी की है. श्याम रजक ने छात्र राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू किया था और 1974 में हुए जेपी आंदोलन में भी भाग लिया था. इसके बाद आरजेडी के टिकट पर 1995 में विधायक बने थे. इसके बाद उन्होंने कभी सियासत में पलटकर नहीं देखा और आगे बढ़ते गए.
1995 के बाद 2000, फरवरी 2005 और नवंबर 2005 में आरजेडी से विधायक बने. इस दौरान लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. श्याम रजक ने 2009 में आरजेडी छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया. 2010 और 2015 के चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर विधायक बने. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रहे.