गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज (PASA) एक्ट में संशोधन का महत्वपूर्ण फैसला लिया है. गुजरात सरकार को उम्मीद है कि वो इस एक्ट में संशोधन कर प्रदेश में शांति, भय रहित और सुरक्षित माहौल स्थापित कर सकेंगे. मुख्यमंत्री रुपाणी ने PASA एक्ट में संशोधित कर उसमें एक्सटेंशन किया है. नए एक्सटेंशन के तहत साइबर क्राइम एक्टिविटीज, शारीरिक हिंसा और कमजोर वर्ग को डराने-धमकाने का मामला भी अब इसके अंतर्गत आएगा.
इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से लेन देन, जुआ, हफ्ता वसूली, महिलाओं पर अत्याचार या इससे जुड़े मामले भी अब PASA एक्ट के अंतर्गत आ सकेंगे. यानी इन सभी तरह के अपराध में अब कार्रवाई PASA एक्ट के तहत होगी.
गुजरात एंटी सोशल एक्टीविटीज एक्ट-1985, प्रदेश में सन् 1985 से ही लागू है. अब तक भारतीय दंड संहिता तथा आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आने वाले अपराध, सरकारी व निजी संपत्ति को कब्जाने वाले, ड्रग ऑफेंडर्स, शराब की तस्करी करने वाले, गैम्बलर्स, वेश्यावृति में शामिल लोगों, गोवंश की हत्या आदि के मामले में भी यही लागू होता था. लेकिन नए संशोधन के साथ ही अब इस कानून को अधिक प्रभावशाली बना दिया गया है.
वैसे लोग जो साइबर क्राइम करते हैं या इस तरह की चीजों को बढ़ावा देते हैं, उनपर आईटी एक्ट-2000 के तहत कार्रवाई होगी. अब तक गैम्बलिंग करने वाले उस शख्स पर ही PASA एक्ट के तहत कार्रवाई होती थी जो दोषी करार दिए जाने के बाद अगले तीन सालों में दोबारा क्राइम करता था. लेकिन अब अगर कोई शख्स पहली बार भी गैम्बलिंग करते हुए पाया जाता है तो उनपर इस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है.
नए संशोधन के तहत PASA एक्ट को अब मानव तस्करी, शराब की हेराफेरी, गैम्बलिंग, आईटी एक्ट की कुछ धाराओं के साथ गोहत्या, आर्थिक अपराध, अवैध रुप से ब्याज पर धन की लेन-देन जैसे मामलों व महिलाओं के यौन शोषण जैसी घटनाओं में और सख्त बनाया जाएगा.
सीएम विजय रुपाणी कैबिनेट की अगली बैठक में इसपर एक प्रस्ताव लाएंगे. जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद आगामी मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा.