विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को 19वें दरबारी सेठ मेमोरियल में दिए गए लेक्चर के दौरान ‘आतंकवाद’ की तुलना महामारी से की। अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा, ‘आतंकवाद एक कैंसर है जो महामारी की तरह ही हर किसी को प्रभावित करता है।’

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन से जंग में ‘वैश्विक ताकत (global superpower)’ के तौर पर भारत का उल्लेख किया।
दुनिया भर में सौर ऊर्जा लाने को लेकर उन्होंने नई दिल्ली के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के रूप में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को आगे ले जाने के लिए भारत के फैसले की सराहना करता हूं।’
पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘ जिन देशों में आतंकियों का प्रोडक्शन व निर्यात प्राथमिकता की सूची में रखा जा रहा है वे भी खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताने का प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाली प्रक्रिया पर लगाम लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अनिवार्य कदम उठाना होगा।’
विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि इस वक्त दुनिया के सामने तीन विकट समस्याएं हैं जिसमें उन्होंने सबसे पहले आतंकवाद और फिर महामारी और जलवायु परिवर्तन का जिक्र किया। उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग देशों के बीच बहुपक्षीय रिश्ते कितने मजबूत हैं वह अब पता चल जाएगा कि सब इन परेशानियों से मिलकर कैसे लड़ते हैं।
इसका आयोजन सतत विकास और जलवायु से संबंधित मुद्दों से जुड़े ‘थिंक टैंक’ ‘टेरी’ कर रही है। ‘टेरी’ ने इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में, संस्थान के संस्थापक दरबारी सेठ की याद में की थी।इस बार लेक्चर का शीर्षक ‘नवीकरणीय का उदय: एक स्थायी भविष्य पर प्रकाश’ है।
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