देश में कोरोना वायरस की 3.6 करोड़ से ज्यादा जांच की जा चुकी हैं। इसके साथ ही 24 लाख से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। अभी तक कोरोना की वजह से कुल 58,390 मौतें हुई हैं जिसमें 69 फीसदी पुरुष और 31 फीसदी महलाएं हैं। 36 फीसदी 45-60 आयु के और 51 फीसदी 60 और उससे ऊपर की आयु वर्ग वाले लोग हैं।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक प्रो. डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि प्रति दिन जांच की संख्या बढ़ रही है। 30 जनवरी को 10 टेस्ट प्रति दिन हो रहे थे तो 15 मार्च को 1000 टेस्ट प्रति दिन हो रहे थे। 15 मई को यह आंकड़ा 95,000 टेस्ट प्रति दिन था। 21 अगस्त को हम 10 लाख टेस्ट प्रति दिन के लैंडमार्क पर पहुंच गए हैं।
वैक्सीन को लेकर भूषण ने कहा कि जहां तक स्पुतनिक-5 वैक्सीन (रूस में विकसित COVID-19 वैक्सीन) का संबंध है, भारत और रूस बात कर रहे हैं। कुछ प्रारंभिक जानकारी साझा की गई है। वहीं, भार्गव ने कहा, ‘मैं ये नहीं कहूंगा कि युवा या बुजुर्ग लोग बल्कि गैर-जिम्मेदार, कम सतर्क लोग जो मास्क नहीं पहन रहे हैं भारत में महामारी को चला रहे हैं।’
भार्गव ने कहा कि हमने हांगकांग में एक व्यक्ति के कोरोना से दोबारा संक्रमित होने की रिपोर्ट पढ़ी है। यह कई कारकों पर निर्भर हो सकता है। यह मरीज के प्रतिरक्षा तंत्र की स्थिति से संबंधित हो सकता है या हो सकता है कि वायरस म्यूटेट हुआ हो। हमें इस पर गहन अध्ययन करने की जरूरत है लेकिन यह बहुत चिंता की बात नहीं है।
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