उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मशहूर शायर अशोक कुमार भगत उर्फ अशोक साहिल का सोमवार को निधन हो गया। गुर्दे में संक्रमण के चलते वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। बताया गया कि सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा बिड़गने पर उन्हें मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
ऑल इंडिया मुशायरा में अपनी शायरी की बदौलत उन्होंने मुकाम हासिल किया और जनपद का भी नाम रोशन किया। अशोक कुमार भगत उर्फ अशोक साहिल बीते कुछ दिनों से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। वह ज्यादातर अपनी बेटी के पास रहें। सोमवार को मेरठ के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी पाकर शायरों और कवियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
वहीं मशहूर कवि अरुण जेमिनी ने उनके निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है। उधर, खबर सुनते ही साहित्यजगत शोक में डूब गया। बताया गया कि शुक्रताल स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके दत्तक पुत्र योगेश शर्मा ने दी।
इनके अलावा परिवार में तीन पुत्रियां अकांक्षा भगत, शिवानी भगत और प्रियम भगत हैं। जिला अस्पताल में हेड सिस्टर रहीं अशोक साहिल की पत्नी शोभा भगत का तीन साल पहले निधन हो गया था।
अशोक साहिल का परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्तान के भावलपुर से आकर पंजाब में बसे थे। अशोक साहिल करीब 40 साल से मुजफ्फरनगर में रह रहे थे। इस दौरान उन्होंने खतौली में कपड़ों का भी काम किया।
उनकी पत्नी आशा भगत एएनएम थीं। वे परिवार के साथ जिला चिकित्सालय परिसर में मिले आवास में रहती थीं। दो साल पहले कैंसर से उनका निधन हो गया था। तभी से अशोक साहिल भी बीमार रहने लगे थे। किडनी फेल होने के कारण वह डायलिसिस पर थे। बीते डेढ़ साल से बड़ी बेटी आकांक्षा भगत के पास ग्रेटर नोएडा में रह रहे थे।
उनके दामाद तरुण जोशी ने बताया कि कुछ दिनों से हालत बिगड़ने पर उन्हें मेरठ के सुशीला जसवंत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार को उनका निधन हो गया।