गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जारी की एसओपी, यात्रा के लिए कराना होगा पंजीकरण

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वंदे भारत योजना और हवाई परिवहन की बबल व्यवस्था (दो देशों के बीच यात्रा समझौता) के तहत अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए शनिवार को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया। एसओपी के मुताबिक, वंदे भारत योजना के तहत भारत यात्रा के इच्छुक लोगों को उस देश के भारतीय दूतावास या उच्चायोग में पंजीकरण कराना होगा जहां वे फंसे हुए हैं अथवा रह रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित आवश्यक विवरण भी उपलब्ध कराने होंगे। हालांकि हवाई परिवहन की बबल व्यवस्था के तहत संचालित उड़ानों के लिए इस तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ऑस्ट्रेलिया, जापान और सिंगापुर समेत और 13 देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च से नियमित अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा बंद है। एयर बबल दो देशों के बीच एक करार है, जिसमें उन देशों की एयरलाइंस कुछ नियमों के पालन के साथ इंटरनेशनल उड़ान भर सकती हैं। कोरोना संकट के दौरान यह व्यवस्था शुरू हुई है।

दूसरी तरफ अनलॉक-3 के दिशानिर्देश के उल्लंघन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों पत्र लिखकर आगाह किया है। गृह सचिव अजय भल्ला ने पत्र में कहा है कि व्यक्तियों व वस्तुओं के अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। इस तरह का कोई भी प्रतिबंध केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।

कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ राज्यों ने अनलॉक के दिशानिर्देशों के साथ कई अन्य तरह की पाबंदियों की घोषषणा कर रखी है। गृह मंत्रालय को ऐसी शिकायतें मिली थीं कि कई राज्यों में सामान की आवाजाही में स्थानीय प्रशासन रोक-टोक कर रहा है। अनलॉक–3 के दिशानिर्देशों की ओर ध्यान दिलाते हुए भल्ला ने कहा है कि ऐसी पाबंदियों से माल और सेवाओं के अंतरराज्यीय आवागमन में दिक्कतें पैदा होती हैं। इससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होती है। इसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां और रोजगार सृजन में अवरोध पैदा होता है। गृह सचिव ने पत्र में स्पष्ट किया है कि अनलॉक के दिशानिर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि व्यक्तियों या वस्तुओं के अंतरराज्यीय और राज्यों के भीतर आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि प़़डोसी देशों के साथ समझौते के तहत सीमा पार व्यापार के लिए व्यक्तियों या सामान की ढुलाई के वास्ते अलग से अनुमति, मंजूरी अथवा ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। ऐसे प्रतिबंध आपदा प्रबंधन कानून-2005 के प्रावधानों के तहत गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के समान हैं।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले लॉकडाउन की घोषषणा 25 मार्च को की थी। पहले चरण के बाद 31 मई तक लॉकडाउन ब़़ढा दिया गया था। एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई जिससे पूरे देश में औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियां बहाल हो सकीं।

 

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