अप्रैल के महीने में जब हर इंसान कोविड-19 से घबरा रहा था. तब डॉ योगिता ने कोविड-19 जैसी खतरनाक बीमारी से बिना डरे कोरोना संक्रमित महिला का पहला सिजेरियन ऑपरेशन किया.

एक स्वस्थ बच्चे की डिलीवरी करा कर परिवार को सुखद अनुभूति कराई. ये उस वक्त की बात है जब कोविड-19 संक्रमण से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था.
एसएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया था. डॉक्टर योगिता गौतम को उस टीम का सदस्य बनाया गया जिस टीम के कंधों पर महिलाओं के प्रसव कराए जाने की जिम्मेदारी थी.
पहला सफल सिजेरियन ऑपरेशन कराने के बाद डॉक्टर योगिता और सना ने साथ मिलकर 14 दिन में कई महिलाओं के प्रसव कराए. लेकिन कई बच्चों को मां की गोद में पहुंचाने वाली डॉ योगिता गौतम अब इस दुनिया में नहीं हैं.
शादी से इनकार करने पर सिरफिरे डॉक्टर ने उनका कत्ल कर दिया है. डॉ योगिता गौतम के बारे में उनके साथ काम कर चुके चिकित्सकों का कहना है कि योगिता की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है. योगिता गौतम तो अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन जब-जब कोरोना की बात आएगी तो लोग उन्हें जरूर याद करेंगे.
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