उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में कुछ लोगों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इन लोगों ने एक प्राइवेट बस को अगवा कर लिया और ड्राइवर-कंडक्टर को बंधक बना लिया। बस में 34 सवारी भी थे। बताया जा रहा है यात्रियों को झांसी में उतार दिया गया है। अभी तक बस का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस बस की तलाश में छापेमारी कर रही है। झांसी के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि फाइनेंस कर्मियों ने यात्रियों को दूसरी बस बिठा दिया था। मऊरानीपुर पर यात्रियों के होने की जानकारी मिली है। चूंकि सभी यात्री अपने गंतव्य को अलग-अलग रवाना हो चुके हैं, इसनिए उनको ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा है। फाइनेंसकर्मी बस को लेकर भागे हैं। उनकी तलाश में पूरे जिले में अलर्ट कर दिया गया है। सीमाओं पर चेकिंग की जा रही है।
शहर के न्यू दक्षिणी बाइपास पर मंगलवार देर रात जा रही बस पर फाइनेंसकर्मियोंं ने बदमाशों की स्टाइल में अवैध तरीके से कब्जा कर लिया। जाइलो गाड़ी से ओवरटेक करके बस रोक ली। इसके बाद बस में सवार हो गए। कुबेरपुर तक उन्हें साथ ले गए। इसके बाद हाईवे पर चालक को उतारकर बस को सवारियों समेत ले गए। तड़के चालक ने मलपुरा थाने में जाकर सूचना दी। बस में 34 सवारी बैठी थीं। गंभीर घटनाक्रम को देखते हुए प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस घटना के बारे में सुबह करीब 10.30 बजे बयान जारी किया है कि इस बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कब्जे में लिया है। बस में सवार सभी यात्री सकुशल हैं। लेकिन बस अभी कहां है और यात्री किस जगह पर, इन सवालों का जवाब नहीं मिला है। चर्चा ये भी है कि बस झांसी क्षेत्र में पहुंच चुकी है।
ग्वालियर के डबरा निवासी रमेश स्लीपर बस में 34 सवारी लेकर मंगलवार शाम को गुरुग्राम से मप्र के पन्ना में अमानगंज को निकले थे। रात 10.30 बजे वे दक्षिणी बाइपास के रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंचे। वहां उन्हें दो जाइलो में सवार आठ- नौ युवक मिले। उन्होंने प्लाजा पर ही खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रोक लिया। चालक से बस से नीचे उतरने को कह रहे थे। मगर, जिरह के बाद चालक वहां से बस को लेकर आगे चल दिया। जाइलो गाड़ी सवार बस का पीछा करते रहे।
मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर ही उन्होंने जाइलो गाड़ी से बस को ओवरटेक करके रोक लिया। चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे उतारकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे। चालक के मुताबिक, यहां से वे बस को ग्वालियर रोड पर उतारकर सैंया ले गए। सैंया से फतेहाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे। यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया। परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए। चालक और परिचालक को दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए।
तड़के चार बजे चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी। तब पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस बस के बारे में आगे के टोल प्लाजा से संपर्क कर जानकारी करने का प्रयास कर रही है। चालक और परिचालक से पूछताछ की जा रही है। एसएसपी बबलू कुमार भी थाना मलपुरा पहुंच गए।
चालक से बोले थे जाइलो गाड़ी सवार किस्त टूट गई है, बस ले जा रहे हैं
सवारियों से भरी हाईजेक करने वाले जाइलो गाड़ी सवारों की चालक और परिचालक से खूब जिरह हुई थी। बस ले जाने से पहले उन्होंने यह भी कहा था कि बस की किस्त टूट गई है। इसलिए लेकर जा रहे हैं। अभी कुछ और बसें वे खींचकर ले जाएंगे। पूरे घटनाक्रम में उन्होंने सवारियों से अभद्रता नहीं की, बल्कि उनका किराया भी परिचालक से वापस करा दिया। अभी तक सवारियों और बस के बारे में पता नहीं चल सका है। मगर, पुलिस घटनाक्रम को देखते हुए फाइनेंस का मामला मान रही है।
बुधवार को सुबह चार बजे चालक के मलपुरा थाने पहुंचने के बाद महकमे में खलबली मच गई। बबलू कुमार रायभा टोल प्लाजा पर पहुंच गए। आइजी ए सतीश गणेश ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारियों से संपर्क साधा। दिल्ली- कानपुर हाईवे और लखनऊ एक्सप्रेस वे के सीसीटीवी फुटेज चेक कराए गए। लखनऊ एक्सप्रेस वे और कानपुर हाईवे पर टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज में बस आगे की ओर जाती नहीं दिखी है। इसलिए आशंका है कि बस दिल्ली की ओर ही लौटकर गई है। इसके लिए मथुरा पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। बस मंगलवार को गुरुग्राम से शाम पांच बजे चली थी। सात बजे कोसी पार किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बस को कब्जे में करने वाले युवक खुद को फाइनेंसकर्मी बता रहे थे। उनके पास कोई हथियार होने की जानकारी भी नहीं मिली है। बस में केवल तीन युवक ही चढ़े थे। सवारी 34 थीं। अगर वे उन्हें भी साथ ले गए होते तो पुलिस को कहीं सूचना मिलती। आशंका है कि चालक-परिचालक को जाइलो गाड़ी में बैठाकर अलग दिशा में ले गए। सवारियों का किराया वापस कराने के बाद उन्हें भी लखनऊ एक्सप्रेस वे या अन्य स्थान पर छोड़ा गया होगा।
मंगलवार सुबह बस गई थी गुरुग्राम
सैंया टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी पुलिस ने चेक की। इसमें बस मंगलवार सुबह छह बजे ग्वालियर से आगरा की तरफ आती हुई दिखी है। इससे यह स्पष्ट हुआ है कि बस मंगलवार को ही ग्वालियर से गुरुग्राम गई थी।
बस मालिक की कल हुई है मौत
बस इटावा नंबर की है और इसका मालिक ग्वालियर का है। बस पर कल्पना ट्रैवल्स लिखा है। इस ट्रैवल्स की करीब 60-70 बसें हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि बस मालिक की मंगलवार को मौत हुई है। वे कोरोना संक्रमित भी थे। इसीलिए परिवार के लोगों से अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनसे बात होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बस पर फाइनेंस था या नहीं?