पुलिस अधीक्षक अंशुमान कुमार के साथ विवाद के कारण चर्चे में आए जामताड़ा के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज फिर से सुर्खियों में हैं। हालांकि यह मामला संयोगवश घटित हुआ। 15 अगस्त, 2020 को स्वतंत्रता दिवस के माैके पर जामताड़ा उपायुक्त कार्यालय में मुमताज पहले प्रयास में ध्वजारोहण नहीं कर पाए थे। ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रध्वज नीचे गिर गया था। इस मामले को लेकर उपायुक्त ने नजारत उप समाहर्ता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
झंडा फहराने के वक्त गिरने से मची अफरातफरी
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला उपायुक्त कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराया जाना था। इसे लेकर भारी संख्या में लोग जुटे थे। जिला उपायुक्त फैज अहमद मुमताज ध्वजारोहण कर रहे थे कि अचानक झंडा लहराने के बजाए जमीन पर आ गिरा। जिसे देख कुछ कर्मी मंच की ओर दौड़ पड़े उन्होंने झट से झंडे को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की गई। इस घटना के बाद मची अफरातफरी के वक्त पहले तो कर्मियों ने फ्लैग स्टैंड ही उखाडऩे की कोशिश की ताकि झंडे को फिर से लगाया जा सके लेकिन वह ढलाई में फंसे होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इसी बीच एक दैनिक कर्मी ने हिम्मत कर तत्काल उस खंभे पर चढ़कर डोरी को फंसाया इसके दस मिनट बाद पुन उपायुक्त ध्वजारोहण को कामयाब हुए। इस घटना के बाद जितनी मुंह उतनी तरह की बात सुनने को मिली। हालांकि, स्थिति तो सामान्य हो गई लेकिन जिले में यह घटना चर्चा का विषय बना रहा।
एनडीसी के सिर दोष मढ़ने की तैयारी
ध्वजारोहण के दौरान जैसे ही डीसी ने रस्सी खींची तो राष्ट्रीय ध्वज नीचे आ गिरा था। इस कारण निर्धारित समय से करीब दस मिनट विलंब से ध्वजारोहण हो पाया। इस मामले को उपायुक्त ने गंभीरता से लिया है। अब एनडीसी पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। उपायुक्त ने एनडीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में उपायुक्त कार्यालय के सामान्य शाखा के कुछ कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि कर्मचारी ऑफ द रिकॉर्ड घटना को लेकर बचाव करते हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रध्वज में लगी डोरी को अचानक पूरी ताकत से खींच दी गई। इसलिए डोरी टूट गई।