राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के बीच विधायक दल की बैठक करने पर सहमति बनी है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में विधानसभा सत्र की रणनीति बनाई जाएगी.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच मुख्यमंत्री निवास पर होगी पार्टी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों पक्ष के विधायकों से बातचीत की है. सीएम गहलोत कुछ देर में होटल फेयरमाउंट रवाना हो सकते हैं, जहां पर केसी वेणुगोपाल गहलोत समर्थकों से बातचीत कर रहे हैं.
शुक्रवार से राजस्थान में विधानसभा सत्र की शुरुआत होनी है, ऐसे में दोनों गुट किस तरह साथ आते हैं और आगे की रणनीति क्या होती है उसपर हर किसी की निगाहें हैं. सचिन पायलट करीब एक महीने तक खफा रहे और अंत में केंद्रीय नेतृत्व से बात कर, अपनी बातें रखकर पार्टी में वापस आए.
इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है, पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ‘ मैं उम्मीद करता हूं कि फॉरगेट एन्ड फॉरगिव की भावना के साथ सेव डेमोक्रेसी हमारी प्रायोरिटी होनी चाहिए. देश में एक के बाद एक चुनी हुई सरकारों को तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह टॉपल की जा रही हैं. ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है.’
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