गलवान क्षेत्र के उत्तर में डेपसांग के मैदानी इलाकों से सैनिकों को हटाने के लिए भारत और चीन के बीच मेजर जनरल-स्तरीय बातचीत जारी है. यह बातचीत दौलत बेग ओल्डी में चल रही है. भारत की तरफ से 3 माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं. वहीं चीन की तरफ से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सीनियर कर्नल हान रुई थे बैठक की अगुवाई कर रहे हैं.
यह बैठक शनिवार सुबह शुरू हुई है. बातचीत गलवान क्षेत्र के उत्तर में डेपसांग के मैदानी इलाकों से सैनिकों को हटाने को लेकर है. बताया जा रहा है कि डेपसांग के विपरीत दिशा में लगभग 15,000 चीनी सैनिकों का बड़ा जमावड़ा लगा है.
बैठक में 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 900 वर्ग किलोमीटर के मैदानों से सैनिकों को वापस बुलाने और वहां से हटाने की प्रणाली पर काम करने के बारे में चर्चा की जाएगी.
इससे पहले LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर यथास्थिति हालात बनाने के लिए कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी, लेकिन उससे कोई पुख्ता हल नहीं निकला. इसके बाद शनिवार को मेजर जनरल स्तर की वार्ता हो रही है.
बता दें, भारतीय सेना की डेपसांग के मौदानों में अच्छी पैठ है जबकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी अपने पूर्वी छोर पर है. चीनी सैनिक दौलत बेग ओल्डी के रणनीतिक एयरफील्ड से से 25 किलोमीटर दूर ‘बॉटलनेक’ नाम के क्षेत्र पर फोकस कर रहे हैं.
दोनों तरफ के सैनिक ‘ग्रे जोन’ क्षेत्रों में एक-दूसरे को गश्त के अधिकारों से वंचित कर रहे हैं, जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा कई किलोमीटर तक बदलती है. 6 जून से लेकर अबतक भारत-चीन सेनाओं के बीच पांच बैठक हो चुकी हैं, ये छठी बैठक हो रही है.
बता दें कि चीन लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश को अंजाम दे रहा है. जून के महीने में भारत और चीन के सैनिकों में गतिरोध भी देखने को मिला था. जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. वहीं अब चीन उत्तरी लद्दाख के डेपसांग-डीबीओ सेक्टरों में एक नया मोर्चा खोलने की फिराक में है.
डेपसांग में भारत से लगी सीमा पर चीन ने पहले के मुकाबले अपने जवानों की तैनाती ज्यादा बढ़ा दी है. चीनी वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है. भारतीय सैनिक आमतौर पर उन्हें भगाते रहे हैं. लेकिन इस साल उनकी संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है.