ललितपुर के रहने वाले पटना के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की आठ घंटे की पड़ताल के बाद उन्हें मुंबई में क्वारंटीन कर दिया गया था। हालांकि, अब ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है, जिससे अब इस जांच में उनकी कोई भूमिका नहीं रह गई है। लेकिन, इस प्रकरण में सीबीआई द्वारा जो भी जानकारी ली जाएगी, वो साझा करेंगे।
बृहस्पतिवार को उन्हें क्वारंटीन से मुक्त कर दिया गया और शुक्रवार को पटना के लिए रवाना हो गए। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के प्रकरण की जांच के लिए बिहार सरकार ने पटना के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को मुंबई भेजा था।
लेकिन, वहां पहुंचने के बाद जब वे केस की पड़ताल कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की खासी किरकिरी हुई। पुलिस अधीक्षक को क्वारंटीन किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।
आखिरकार चार दिन के बाद बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक को क्वारंटीन से मुक्त करना पड़ा और शुक्रवार को वे पटना के लिए रवाना हो गए। ‘अमर उजाला’ से हुई खास बातचीत में विनय तिवारी ने बताया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के प्रकरण में पटना में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच उच्चाधिकारियों ने उन्हें सौंपी थी।
मुंबई पहुंचते ही उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया था। आठ घंटे तक पड़ताल करने के बाद वहां के स्थानीय प्रशासन ने कोविड-19 के नियमों का हवाला देकर उन्हें क्वारंटीन कर दिया। इससे पूरी जांच प्रभावित हुई है। अब इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, जिसमें वे जरूरत पड़ने पर पूरा सहयोग करेंगे।
पटना के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी मूलत: ललितपुर शहर के रहने वाले हैं। विनय तिवारी के पिता ओमप्रकाश तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा उनके पुत्र को योग्यता के आधार पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की प्रकरण की जांच सौंपी थी।
उनके परिवार के लिए गौरव की बात है। उनके पुत्र ने अपनी ड्यूटी की। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलने पर वे मुंबई गए थे और मुंबई के प्रशासन के आदेश का भी पालन किया है। उन्होंने बताया कि उनका पुत्र अब क्वारंटीन से मुक्त हो गया है और शुक्रवार की शाम पांच बजे की फ्लाइट से हैदराबाद होते हुए पटना के लिए रवाना हो चुका है।