राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने चुनाव आयोग से मांग की है कि अगर कोविड-19 महामारी के दौरान ही बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं तो ईवीएम के बदले बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 30 जुलाई को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में सुझाया है कि अगर बिहार में महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव होते हैं तो बैलेट पेपर का इस्तेमाल होना चाहिए. क्योंकि रिसर्च के मुताबिक यह पता चला है कि कोरोना वायरस प्लास्टिक और धातु पर कई दिनों तक सक्रिय रहते हैं.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “कोविड-19 महामारी के दौरान अगर बिहार विधानसभा चुनाव कराना नहीं है तो फिर चुनाव वर्चुअल और डिजिटल नहीं बल्कि एक्चुअल होना चाहिए यानी परंपरागत तरीके से चुनाव होने चाहिए जहां पर बैलेट पेपर का इस्तेमाल हो.”
बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार के सभी राजनीतिक दलों से महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराने को लेकर उनकी राय मांगी थी. इसी को लेकर आरजेडी की तरफ से अब्दुल बारी सिद्दीकी ने चुनाव आयोग से कहा है कि महामारी में अगर चुनाव होते हैं तो ईवीएम के बदले बैलट पेपर का इस्तेमाल हो ताकि वोटिंग के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा काफी कम किया जा सके.
आरजेडी ने चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों के द्वारा वर्चुअल कैंपेनिंग पर भी रोक लगाने की अपील की है. आरजेडी ने कहा है कि वर्चुअल रैली का फायदा केवल उन राजनीतिक दलों को मिलेगा जिनके पास संसाधन हैं. मगर छोटे-छोटे राजनीतिक दल जिनके पास संसाधनों का अभाव है उनके लिए प्रचार प्रसार करना असंभव होगा.
चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में आरजेडी ने बिहार में कोविड-19 महामारी के बिगड़ते हालात का हवाला देते हुए राज्य विधानसभा चुनाव को टालने की भी बात कही है.
बता दें, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पिछले कई दिनों से इस बात की वकालत कर रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के दौरान बिहार विधान सभा चुनाव टाल दिया जाना चाहिए क्योंकि वह ऐसे हालात नहीं चाहते हैं कि वोटर पोलिंग बूथ से निकल कर सीधा श्मशान घाट जाए.
बीजेपी ने आरजेडी के बैलेट पेपर के जरिए चुनाव करवाने के तर्क को खारिज करते हुए कहा है कि यह एक पुराना मॉडल था. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी दोबारा तीन दशक पुराने मॉडल पर देश को ले जाना चाहती है.
“आरजेडी पुराने मॉडल की पार्टी है. बैलेट पेपर से चुनाव कराना बीते दिनों की बात हो गई है. पिछले दो-तीन दशकों से ईवीएम के माध्यम से चुनाव हो रहा है लेकिन आश्चर्य है आरजेडी तीन दशक पुराने मॉडल पर जाना चाहती है. महामारी के दौरान किस तरीके से सुरक्षित तौर पर चुनाव कराया जाना चाहिए इसके लिए चुनाव आयोग विचार कर रहा है”.