लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके में जर्मनी के दूत की मौत हो गई है. जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास ने कहा कि विदेश मंत्रालय में काम कर रहीं एक महिला की मौत हो गई है.
यह महिला धमाके वाली जगह पर स्थित अपार्टमेंट में रहती थी. यह पहली जर्मन महिला है, जिसकी मौत बेरूत बंदरगाह पर हुए विनाशकारी धमाके में हुई.
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, बेरूत धमाके में पांच भारतीय भी घायल हो गए हैं. राहत की बात है कि पांचों को मामूली चोटें आई हैं. बेरूत धमाके में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजार से अधिक लोग घायल हैं. पूरा बंदरगाह और आस-पास का इलाका तबाह हो गया है.
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन बेरूत पहुंचे हैं. लेबनान की मदद के लिए फ्रांस और अन्य देशों ने आपातकालीन सहायता और रेस्क्यू के लिए अपनी टीमें भेजी हैं. आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को अब फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत होगी.
लेबनानी सेना के बुलडोजर मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. बेरूत के ध्वस्त बंदरगाह के आसपास की सड़कों को फिर से खोलने के लिए गुरुवार को मुहिम चलाई गई. लेबनान सरकार ने विनाशकारी विस्फोट की जांच करने का वादा किया है और पोर्ट अधिकारियों को घर में नजरबंद कर दिया है.
बेरूत धमाका मंगलवार को हुआ था. बंदरगाह पर अमोनियम नाइट्रेट रखा था. इसमें ही धमाका हुआ है. अमोनियम नाइट्रेट में धमाके का असर कई सौ किलोमीटर तक देखने को मिला. इस हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 5 हजार से अधिक लोग घायल हो गए हैं.