बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ दायर याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब इस मामले में एकल पीठ फैसला करेगा. एकल पीठ में 11 अगस्त की जो सुनवाई है, उसी में इसका निस्तारण किया जाएगा.

बहुजन समाज पार्टी के याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा है कि 11 अगस्त को इसका निस्तारण किया जाए यानि एक 11 अगस्त को इस पर सिंगल बेंच फैसला देगी.
हाई कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से कपिल सिब्बल ने बहुत शुरू की शुरुआत की और विधानसभा अध्यक्ष के जवाब के मसले पर कहा कि बीएसपी और बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका मेंटेनेबल नहीं है. सिब्बल ने कई केस का हवाला दिया और कहा कि मामला कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.
बीजेपी विधायक मदन दिलावर की तरफ से हरीश साल्वे और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सतीश मिश्रा ने बहस की. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि 14 अगस्त को विधानसभा सत्र है. हमारे 6 विधायक बाड़ेबंदी में बंद है. एकल पीठ ने स्टे एप्लीकेशन को भी तय नहीं किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम एकल पीठ को तय करने का निर्देश दे देते हैं.
वहीं, हरीश साल्वे ने दलील रखते हुए कहा कि विधायकों को नोटिस तामील नहीं होना अलग बात और अंतरिम आदेश देना अलग बात है. विधानसभा अध्यक्ष के वकील प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट में हमारे तरफ से कहा गया है कि एकल पीठ में मामला विचाराधीन है, ऐसे में इस पर खंडपीठ में बहस होना हास्यास्पद है.
प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि इस तरह से स्पीकर को नोटिस का जवाब नहीं मांगा जा सकता है. नियम होते हैं. एडीजे कोर्ट के सहारे आप आ सकते हैं, मगर सीधे स्पीकर को नोटिस भेजकर जवाब नहीं मांगा जा सकता है. यह मामला कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं है कि स्पीकर बीएसपी विधायकों के विलय को लेकर क्या फैसला लें.
राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में हम ऑर्डर पास करेंगे और आर्डर 2:00 बजे सुनाया जाएगा. स्पीकर सीपी जोशी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं दे सकता है. कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर का मामला है.
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