राजस्थान की सियासत में बहुजन समाज पार्टी एक बड़े किरदार के रूप में सामने आई है. बसपा के 6 विधायकों ने राजस्थान के चुनाव के बाद कांग्रेस में विलय कर लिया था, लेकिन अब पार्टी की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.

गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें सतीश मिश्रा की ओर से दलीलें रखी गईं.
अब हाईकोर्ट की ओर से अभी बसपा के सभी 6 विधायकों (कांग्रेस में विलय कर चुके), विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया गया है. अदालत की ओर से सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा गया है.
सुनवाई के दौरान बसपा ने यहां अदालत में तर्क दिया कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, ऐसे में राज्य स्तर पर विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं कर सकते हैं.
सतीश मिश्रा इस मामले के लिए लखनऊ से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. यहां अदालत में उन्होंने हरियाणा के कुलदीप विश्नोई मामले का हवाला दिया गया है, साथ ही जगजीत सिंह केस का भी हवाला दिया गया है.
बसपा राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है, ऐसे में राज्य स्तर पर फैसला मान्य नहीं होता है. दलील दी गई है कि पूरे दल का विलय राष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है.
सुनवाई में बीएसपी की ओर से स्पीकर पर आरोप लगाया गया और कहा गया कि स्पीकर जानबूझकर पूरे मामले को खींच रहे हैं.
गौरतलब है कि बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में अपना विलय कर लिया था. बीते दिनों बसपा की ओर से व्हिप जारी किया गया था कि विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें.
जिसपर विधायकों का कहना था कि वो अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत के साथ हैं, बसपा का व्हिप मान्य नहीं होता है.
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