न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चार कोरोना मरीजों पर की गई स्टडी में संकेत मिले हैं क्यों बिल्कुल स्वस्थ पुरुषों को कोरोना वायरस गंभीर रूप से बीमार कर देता है. स्टडी में नीदरलैंड के अलग-अलग परिवारों के 21 से 32 साल के दो-दो भाइयों को शामिल किया गया था.

पहले सभी का स्वास्थ्य अच्छा था. लेकिन 23 मार्च से 25 अप्रैल के बीच सभी को कोरोना की वजह से आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. 29 साल के एक व्यक्ति की मौत भी हो गई.
जब कोरोना मरीजों और उनके परिवार के लोगों का जेनेटिक विश्लेषण किया गया तो उसमें कुछ खामियां मिलीं. इन खामियों की वजह से इनके शरीर में सेल्स Interferons नाम के अणु बना रहे थे. ये अणु व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं जिससे शरीर कोरोना से अच्छी तरह से नहीं लड़ पाता.
हालांकि, रिसर्चर्स का कहना है कि यह जेनेटिक समस्या काफी रेयर होती है, इसलिए कोरोना के तमाम गंभीर मामलों से इनका कनेक्शन होना मुश्किल है.
लेकिन स्टडी के परिणाम ऐसे संकेत देते हैं कि अन्य लोगों में दूसरी प्रकार की जेनेटिक समस्या मौजूद हो सकती है जिसकी वजह से वे कोरोना से अधिक बीमार पड़ रहे हैं. मेडिकल जर्नल JAMA में स्टडी की शुरुआती रिपोर्ट प्रकाशित की गई है.
स्टडी के दौरान 4 कोरोना मरीजों के जिस जिन में खामी मिली, वह X क्रोमोसोम पर पाए जाते हैं. पुरुषों में X क्रोमोसोम की एक कॉपी होती है, जबकि महिलाओं में दो. अगर महिलाओं के एक X क्रोमोसोम में कोई खामी होती है तो दूसरे X क्रोमोसोम में वह ठीक हो सकती है. सामान्य जीन की दो कॉपी मौजूद होने की वजह से महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले लाभ मिल सकता है.
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