पांच अगस्त को अयोध्या में रामलला के मंदिर का भूमिपूजन तो तय हो गया लेकिन इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने को आतुर करोड़ों रामभक्तों को इस संकट काल में अयोध्या आने से रोकना बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

ये तो सही है कि इस समय अयोध्या तक आने में लोग स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से खुद ही परहेज करेंगे. लेकिन ऐसे लोगों की भी संख्या बहुतायत में होगी, जो तमाम खतरों को दरकिनार कर अपने आराध्य के मंदिर का भूमिपूजन समारोह की एक झलक पाने के लिए जान की बाजी लगा देंगे. ऐसे लोगों के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास ने भावुक अपील की है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कहना है कि राम मंदिर का भूमिपूजन का लाइव प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाए. न्यास ने सभी रामभक्तों से कहा है कि इस अवसर पर अपने, घर, गांव, बाजार, मंदिर और आश्रम को सजाएं और आनंद का प्रसाद बांटें. शाम को घर-घर दीपमाला करने की कोशिश की जा रही है.
ट्रस्ट ने सभी राम भक्तों से गुजारिश की है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अयोध्या न आएं. विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री और न्यास के सचिव चंपत राय ने राम भक्तों के लिए आठ सूत्री गाइडलाइंस जारी की है. गाइडलाइंस या कहें आग्रह पत्र के मुताबिक-
- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रारंभ करने के लिए पूजन कर रहे होंगे, वह स्वतंत्र भारत का सर्वाधिक महत्व का अवसर होगा और उसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन द्वारा किया जाएगा. अन्य सभी चैनल भी उसे प्रसारित करेंगे.
- उस दिन भारत और दुनिया भर के अन्य देशों में निवास करने वाले सभी रामभक्त और सभी संत महात्मा अपने मठ, मंदिर, आश्रम में, अन्य सभी श्रद्धालु अपने घर पर परिवार के साथ या अपने निकट के मंदिर में समुचित दूरी के साथ सामूहिक बैठकर प्रातः 11.30 बजे से 12.30 बजे तक अपने आराध्य का भजन पूजन कीर्तन करें, पुष्प समर्पित करें, आरती करें.
- यदि किसी स्थान पर निवासियों के लिए संभव हो या व्यवस्था हो सके तो किसी बड़े सभागार/हॉल में टेलीविज़न/परदे पर अयोध्या में होने वाले पूजन कार्यक्रम अपने स्थान के समाज को दिखाने की योजना करें.
- अपना घर, मोहल्ला, ग्राम, बाज़ार, मठ मंदिर, आश्रम में यथाशक्ति साज-सज्जा कर पूजा करें और प्रसाद वितरण करें. शाम के समय सूर्यास्त के बाद दीप जलाएं.
- अपने सामर्थ्य के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए दान का संकल्प करें.
- कोरोना से रक्षा के सभी साधन अपनाएं, प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें.
- वर्तमान परिस्थिति में अयोध्या आने से अपार कष्ट हो सकता है, अतः अपने घर पर ही उत्सव मनाएं.
- प्रचार के सभी साधनों का उपयोग करके अधिकाधिक समाज तक यह संदेश पहुंचाएं.
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