ऑस्ट्रेलिया ने चीन के खिलाफ एक बड़ी चाल चली है. ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार की रात संयुक्त राष्ट्र में एक घोषणा पत्र देकर कहा है कि दक्षिण चीन सागर के दो विवादित आइलैंड, चीन का क्षेत्र का नहीं है. दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों में चीन के हक का अमेरिका पहले से विरोध करता रहा है.

चीन दक्षिण चीन सागर के Spratly और Parcel Islands पर अपना हक जताता रहा है. ऑस्ट्रेलिया के नए कदम से दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ सकता है. वहीं कुछ ही हफ्ते पहले विवादित क्षेत्र में चीन की नेवी ने ऑस्ट्रेलिया के जहाजों का विरोध किया था.
ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र से यह भी कहा है कहा है कि Spratly और Parcel आइलैंड पर चीन का दावा गलत है और यह समुद्री कानूनों को लेकर 1982 के संयुक्त राष्ट्र कंवेंशन के मुताबिक नहीं है.
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और चीन में तनाव तब बढ़ना शुरू हुआ था जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच की मांग की थी. इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ काफी बढ़ा दिया था.
ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय पानी में ऐसे किसी भी दावे को खारिज करता है.
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्री रविवार को वॉशिंगटन का दौरा करने वाले हैं जहां दोनों मंत्रियों की मुलाकात अपने अमेरिकी समकक्षों से होगी. इस दौरान चीन के खिलाफ नई रणनीति चर्चा का अहम विषय हो सकता है.
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