राजस्थान में सियासी खींचतान पूरे जोर पर है. राज्य की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी सचिन पायलट की बगावत और गहलोत सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टियों के नेताओं के बीच बयानबाजी भी जमकर हो रही है.

कांग्रेस एक ओर जहां इस पूरे घटनाक्रम को बीजेपी की साजिश साबित करने को कोशिश में है. वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस का अंदरुनी विवाद ठहराने में लगी हुई है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. लेकिन उसके कुछ देर बाद ही राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पुनिया ने पलटवार कर दिया.
पुनिया ने राहुल गांधी को आपातकाल की बातें याद करने के साथ-साथ 91 बार संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का इतिहास भी याद दिलाया.
सतीश पुनिया ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी को जवाब देते हुए लिखा, “देर से भी आये और दुरूस्त भी नहीं; महाशय राहुल गांधी जी लंका लुटने के कगार पर है.
ये भी अच्छी याद दिलाई थोड़ा 1975 का आपातकाल और 91 बार अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग का इतिहास भी पढ़ लेते, लोकतंत्र और संविधान पर नैतिक अधिकार कांग्रेस ने नेहरू जी के जमाने में ही खो दिया था.”
आपको बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने राजस्थान में शुक्रवार को घटे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर ट्विटर पर लिखा था, “देश में संविधान और कानून का शासन है.
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं. राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है. ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है. राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए.”
यहां आपको यह भी बता दें कि राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे ने राजभवन के सामने धरना दिया था.
अशोक गहलोत ने कहा था कि जब तक राज्यपाल महोदय पत्र नहीं सौंपते हैं तब तक धरना जारी रहेगा. हालांकि राज्यपाल की ओर से आश्वासन मिलने के बाद विधायकों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal